भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का मानना है कि भले ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया की तुलना में कम पिंक बॉल टेस्ट खेले हों, लेकिन टीम इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पहले रोहित ने भरोसा जताया कि टीम मानसिक रूप से मजबूत है और इस प्रारूप में जल्दी ढलने में सक्षम है।
डे-नाइट टेस्ट में भारत का प्रदर्शन
भारत ने अब तक चार डे-नाइट टेस्ट खेले हैं, जिनमें से तीन में जीत दर्ज की है और एक में हार का सामना करना पड़ा। डे-नाइट टेस्ट में भारत की जीत का प्रतिशत 75% है। रोहित शर्मा ने कहा, "क्रिकेट में हर दिन नया होता है। चाहे आप 99 रन बना लें, लेकिन अगली पारी में आपको शून्य से शुरुआत करनी होती है। यह खेल हमेशा नई चुनौतियां देता है और हमें उसी पर फोकस करना है।"
गौरतलब है कि भारत के लिए पिंक बॉल टेस्ट की पुरानी यादें सुखद नहीं रही हैं। चार साल पहले एडिलेड में खेले गए एक डे-नाइट टेस्ट में टीम इंडिया दूसरी पारी में मात्र 36 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। हालांकि, रोहित ने इसे अतीत की बात बताते हुए कहा कि क्रिकेट में हर दिन नई चुनौती होती है और टीम का ध्यान वर्तमान पर है।
टीम के प्रदर्शन पर रोहित शर्मा का भरोसा
रोहित शर्मा ने कहा कि पर्थ में पहले टेस्ट के दौरान भी टीम ने संयम और अनुशासन के साथ खेलते हुए चुनौती का सामना किया। उन्होंने कहा, "जब हम उच्च स्तर का क्रिकेट खेलते हैं, तो चुनौतियां आना स्वाभाविक है। लेकिन हमारी टीम परिस्थिति के अनुसार खुद को ढालने में सक्षम है। अगर सभी खिलाड़ी अपनी भूमिका निभाते हैं, तो परिणाम हमारे पक्ष में आएंगे।"
पहले टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को प्लेइंग-11 से बाहर रखने के फैसले को लेकर रोहित शर्मा ने कहा कि यह टीम प्रबंधन का सही निर्णय था। उन्होंने कहा, "जडेजा और अश्विन को बाहर रखना आसान नहीं था, लेकिन यह उस समय टीम के लिए सबसे सही फैसला था। दोनों खिलाड़ी आगे के मैचों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।"