भारत के पूर्व कप्तान और कोच अनिल कुंबले (ANIL KUMBLE) ने टीम इंडिया (TEAM INDIA) के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) को खराब फॉर्म से उबरने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने का सुझाव दिया है। कुंबले का मानना है कि कोहली को घरेलू टेस्ट सीजन से पहले घरेलू मैचों में खेलने का मौका लेना चाहिए था, जिससे उनका आत्मविश्वास और फॉर्म में सुधार हो सकता था। हाल ही में पुणे टेस्ट की पहली पारी में कोहली केवल 1 रन पर आउट हुए थे।

भारतीय टीम को अब न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज (TEST SERIES) के बाद ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जहां उन्हें पांच टेस्ट खेलने हैं। ऐसे में, कुंबले का मानना है कि कोहली का फॉर्म में लौटना टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

घरेलू क्रिकेट खेलने से मिलता अनुभव

जियो सिनेमा पर बातचीत करते हुए अनिल कुंबले (ANIL KUMBLE) ने कहा कि असल मैच की स्थितियों में खेलने से कोहली को फायदा हो सकता था। कुंबले का कहना है कि अभ्यास से कहीं बेहतर होता अगर Virat Kohli ने दलीप ट्रॉफी, ईरानी कप या रणजी ट्रॉफी में कुछ मैच खेले होते। उन्होंने कहा, "वास्तविक मैचों में खेलने से किसी भी खिलाड़ी का आत्मविश्वास बढ़ता है। अगर कोहली ने घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लिया होता, तो वे स्पिनर्स के खिलाफ ज्यादा प्रभावी साबित हो सकते थे।"

कुंबले ने बताया कि स्पिन गेंदबाजों की मददगार पिचों पर विराट कोहली (Virat Kohli) की चुनौतियाँ केवल तकनीकी नहीं हैं, बल्कि मानसिकता का भी इसमें अहम योगदान होता है। भारत के कई शीर्ष खिलाड़ियों ने घरेलू टेस्ट सीजन से पहले रणजी ट्रॉफी, ईरानी कप जैसे घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, लेकिन कोहली ने इनमें भाग नहीं लिया था। कुंबले के अनुसार, यह कोहली के फॉर्म में गिरावट का एक कारण हो सकता है।

Virat Kohli स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ कर रहे लगातार संघर्ष

स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ विराट का रिकॉर्ड पिछले कुछ सालों से चिंता का विषय रहा है। साल 2021 से एशिया में स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ खेलते हुए कोहली ने 26 पारियों में 606 रन बनाए हैं और इस दौरान 21 बार आउट हुए हैं। कुंबले ने बताया कि Virat Kohli की परेशानी स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ तब और बढ़ जाती है जब पिच स्पिनरों की मददगार होती है।

ऐसे हालात में, कोहली को पिच पर टिके रहना मुश्किल हो जाता है, जिससे उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है।

कुंबले ने यह भी कहा कि आधुनिक दौर के कई दिग्गज बल्लेबाज भी स्पिनर्स की मददगार स्थितियों में संघर्ष करते हैं, और कोहली कोई अपवाद नहीं हैं। ऐसे में, कुंबले का सुझाव है कि घरेलू क्रिकेट में कुछ मैच खेलने से कोहली का आत्मविश्वास बढ़ सकता था और वे टीम के लिए अहम योगदान दे सकते थे।

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