भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड ओवल में 6 दिसंबर से शुरू होने वाला दूसरा बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट रोमांचक होने की उम्मीद है। यह डे-नाइट टेस्ट गुलाबी गेंद से खेला जाएगा, जिसे लेकर प्रशंसकों और खिलाड़ियों दोनों में उत्साह है। हालांकि, पहले दिन का खेल आंधी-तूफान के कारण बाधित हो सकता है, जबकि दूसरे दिन से मौसम साफ रहने की संभावना है।
पिच क्यूरेटर की राय
एडिलेड ओवल के पिच क्यूरेटर डेमियन हॉफ ने पुष्टि की है कि विकेट को बैलेंस बनाने पर ध्यान दिया गया है। पिच पर छह मिलीमीटर घास छोड़ी गई है, जो गुलाबी कूकाबुरा गेंद की चमक और स्विंग बनाए रखने में मदद करेगी। यह डे-नाइट टेस्ट का मानक अभ्यास है। हॉफ ने बताया, “हमने पिच को इस तरह तैयार किया है कि गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों को बराबर मदद मिले। लेकिन शुक्रवार को संभावित बारिश और आंधी-तूफान खेल में खलल डाल सकते हैं।"
ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में अपने सभी सात डे-नाइट टेस्ट जीते हैं, जिससे उनकी मजबूत पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं, भारत मार्च 2022 के बाद पहली बार गुलाबी गेंद से टेस्ट खेल रहा है, जो उनके लिए एक नई चुनौती हो सकती है।
पहले दिन का पूर्वानुमान और पिंक बॉल की भूमिका
हॉफ के मुताबिक, शुक्रवार को बारिश के साथ आंधी-तूफान आने की संभावना है। उन्होंने कहा, "दो अलग-अलग पूर्वानुमानों के अनुसार, आंधी सुबह या दोपहर में हो सकती है। हम पहले दिन कुछ ओवर गंवा सकते हैं, लेकिन दूसरे दिन से मौसम अच्छा रहने की उम्मीद है।"
पिंक बॉल टेस्ट के इतिहास के अनुसार, शाम के समय बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। दुधिया रोशनी में गेंद का स्विंग और मूवमेंट बढ़ जाता है, जिससे रन बनाना कठिन हो जाता है। ऐसे में बल्लेबाजों को संभलकर खेलने और विकेट बचाने पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
Also Read : 15 साल बाद बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज की धरती पर जीता टेस्ट मैच, 2 टेस्ट मैच की सीरीज हुई 1-1 से ड्रॉ