भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला पिंक बॉल टेस्ट के रूप में खेला जाएगा। यह डे-नाइट टेस्ट एडिलेड ओवल मैदान पर 6 दिसंबर से शुरू होगा। पहले और दूसरे टेस्ट के बीच का बड़ा गैप टीमों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देता है। भारतीय टीम 30 नवंबर से कैनबरा में दो दिवसीय अभ्यास मैच खेलेगी, जो पिंक बॉल के लिए उनके अभ्यास का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।

पिंक बॉल टेस्ट: भारत के लिए कठिन चुनौती

ऑस्ट्रेलिया का पिंक बॉल टेस्ट में अब तक का प्रदर्शन अजेय रहा है। उन्होंने इस प्रारूप में अभी तक कोई हार नहीं देखी है। दूसरी ओर, भारत के लिए एडिलेड ओवल और पिंक बॉल टेस्ट की यादें कड़वी रही हैं। 2020 में, इसी मैदान पर खेले गए डे-नाइट टेस्ट में भारतीय टीम दूसरी पारी में मात्र 36 रनों पर सिमट गई थी, जो उनके टेस्ट इतिहास का न्यूनतम स्कोर है।

चेतेश्वर पुजारा, जो पिछली बार इस मैच का हिस्सा थे, ने स्टार स्पोर्ट्स पर पिंक बॉल खेलने की चुनौतियों पर बात की। उन्होंने कहा, “ट्वाइलाइट पीरियड में पिंक बॉल को देखना चुनौतीपूर्ण होता है। बॉल स्किड होकर तेज आती है, जिससे बैटर को तेज फुटवर्क और बेहतर रिएक्शन टाइम की जरूरत होती है।”

टीम इंडिया की तैयारी और ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड

पहले और दूसरे टेस्ट के बीच के गैप को लेकर पुजारा ने कहा, “यह गैप खिलाड़ियों को पिंक बॉल टेस्ट के लिए तैयार होने का शानदार मौका देगा। बैटर और बॉलर्स दोनों को अभ्यास का समय मिलेगा, जिससे मुकाबला संतुलित हो सकता है।” हालांकि, ऑस्ट्रेलिया अपने रिकॉर्ड को बरकरार रखने और सीरीज में वापसी करने की पूरी कोशिश करेगा।

पिछले दौरे पर भारत ने पहले टेस्ट में हार के बाद जबरदस्त वापसी करते हुए चार मैचों की सीरीज 2-1 से जीती थी। इस बार भी टीम इंडिया की नजरें उसी प्रदर्शन को दोहराने पर हैं। एडिलेड टेस्ट के रोमांचक मुकाबले की उम्मीद के साथ, यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम बाजी मारती है।

Also Read : जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट रैंकिंग में किया कमाल, फिर बने दुनिया के नंबर-1 गेंदबाज