CIBIL score Rule : मौजूदा समय में लोगों को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कभी ना कभी लोन लेने की आवश्यकता पड़ ही जाती है। फिर चाहे बात घर खरीदने की हो रही हो, गाड़ी खरीदने की, शिक्षा की या अकस्मात आने वाली किसी बीमारी या शादी विवाह की। लोन की आवश्यकता तो पड़ ही जाती है। जी हां लोग अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लोन का सहारा ले लेते हैं।

अगर आप भी लोन लेना चाहते हैं तो आपको अपना सिविल स्कोर मेंटेन रखना बेहद आवश्यक है। अगर आपका सिविल स्कोर बेहतर नहीं होगा, तो आपको लोन लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं। जी हां हाल ही में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा नए नियम लागू किए गए हैं, जिसके अंतर्गत अगर आप लोन लेना चाहते हैं, तो आपके लिए एक न्यूनतम सिविल स्कोर होना आवश्यक है।

सिबिल स्कोर को लेकर आए नए नियम

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सिबिल स्कोर के नियमों में कई परिवर्तन किए गए हैं। इनमें से एक परिवर्तन आपके लिए जानना बहुत ही लाभप्रद साबित होगा। जी हां अगर आप भी लोन लेना चाहते हैं, तो आपको इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इन नियमों में परिवर्तन करने का मुख्य कारण यह है कि कई बार लोगों के द्वारा क्रेडिट स्कोर को लेकर तमाम तरह की शिकायतें दर्ज की जाती रहती हैं। इन्हीं समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए RBI की तरफ से इन नियमों में कुछ नए बदलाव किए गए हैं। आईए जानते हैं आगे।

क्या है सिबिल स्कोर

सिबिल स्कोर तीन अंको का ऐसा नंबर होता है, जिससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और और भुगतान के व्यवहार का पता चलता है। जी हां यह स्कोर 300 से लेकर 900 के बीच निर्धारित होता है, जिसे क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो द्वारा तैयार किया जाता है। आपका क्रेडिट स्कोर जितना अधिक बेहतर होगा, आपको बैंक की तरफ से लोन लेने की संभावना उतनी अधिक बनी रहेगी। जी हां अगर आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होगा, तो बैंक भी आपको जल्द से जल्द लोन देने के लिए तैयार हो जाएंगे। आपको लोन लेने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

नए नियमानुसार न्यूनतम सिविल स्कोर

हाल ही में RBI की तरफ से जो नए नियम लागू किए गए हैं, उसके मुताबिक अगर आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो आपके सिविल स्कोर का न्यूनतम स्तर 750 होना आवश्यक है। यदि आपका स्कोर 750 से कम पाया गया तो आपको अधिकांश बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा लोन देने से मना किया जा सकता है। हालांकि किन्ही आवश्यक परिस्थितियों के तहत 700 या उससे नीचे के स्कोर वाले ग्राहकों को भी बैंक लोन दे सकते हैं, लेकिन ऐसे ग्राहकों को ब्याज दर अधिक चुकानी पड़ेगी।

कम स्कोर पर क्यों नहीं देती बैंक लोन

अगर आपका सिविल स्कोर कम पाया गया, तो इसका तात्पर्य है कि आप इससे पहले भी लोन या क्रेडिट कार्ड के भुगतान में काफी समय लगा चुके हैं। जी हां आपका भुगतान व्यवहार सही नहीं है। इससे बैंक में भी इस बात का डर बना रहता है, कि पता नहीं आप लोन की यह राशि समय पर चुका भी पाएंगे अथवा नहीं। इन्हीं कारणों के चलते बैंक हाई रिस्क कस्टमर को लोन देने से कतराते है।

कैसे करें सिबिल स्कोर में सुधार

अगर आपका सिविल स्कोर सही नहीं है, तो आपको निम्नांकित प्रयासों द्वारा अपने सिविल स्कोर में सुधार करना चाहिए।

समय पर करें भुगतान : आप अपने क्रेडिट कार्ड और लोन की EMI का समय पर भुगतान करें।

क्रेडिट उपयोग रखे सीमित : अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाए रखने के लिए आपको अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से कम उपयोग करना चाहिए।

पुराने लोन चुकांए : आपको जितनी जल्दी हो सके अपने पुराने सभी लोन का भुगतान समय से कर देना चाहिए।

क्रेडिट रिपोर्ट की करें जांच‌ : आप अपने क्रेडिट स्कोर को मेंटेन रखने के लिए अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की समय से जांच करते रहे, और किसी भी त्रुटि को समय से ठीक करांए।

नए नियमों का उद्देश्य

RBI की तरफ से क्रेडिट स्कोर को लेकर यह जो नए नियम बनाए गए हैं, इनका मुख्य उद्देश्य वित्तीय संस्थानों को ऐसे ग्राहकों को लोन देने से बचाना है, जो समय पर लोन का भुगतान न कर सके, और ग्राहकों में अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने के लिए जागरूकता पैदा करना है, ताकि वह अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने की तरफ प्रोत्साहित हो सके। इसलिए अगर आप भी बैंक से लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो सबसे पहले अपने सिविल स्कोर की जांच कर ले। अगर आपका सिबिल स्कोर बेहतर है, तो आपको लोन मिलने की संभावना तो बढ़ ही जाती है, इसके साथ-साथ आपको कम ब्याज दर पर लोन भी मिल जाता है।

Read more :-Ferrato defy 22 : भारत में धाकड़ इलेक्ट्रिक स्कूटर हुआ लॉन्च, 80 किलोमीटर रेंज के साथ और भी कई जबरदस्त फीचर्स