क्रिकेट को एक रोमांचक और सुरक्षित खेल माना जाता है, लेकिन कई बार मैदान पर ऐसे हादसे हो जाते हैं जो खेल की दुनिया को झकझोर कर रख देते हैं। 27 नवंबर, 2014, का दिन क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा ही काला दिन साबित हुआ। इस दिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज़ की बाउंसर लगने से हुई मौत ने न केवल खेल जगत बल्कि हर खिलाड़ी के दिल को झकझोर दिया।

फिल ह्यूज़ की दर्दनाक घटना

ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में बल्लेबाजी करते हुए, फिल ह्यूज़ को सीन एबट की एक बाउंसर ने सिर पर चोट पहुंचाई। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों की गिनती बाउंसर को अच्छे से खेलने वालों में होती है, लेकिन दुर्भाग्यवश, गेंद उनकी गर्दन के नाजुक हिस्से पर लगी। ह्यूज़ तुरंत मैदान पर गिर पड़े और बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

इस हादसे ने क्रिकेट जगत को गहरे शोक में डाल दिया। इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने सिर पर लगने वाली चोटों को लेकर सख्त नियम बनाए। आज अगर किसी खिलाड़ी को सिर पर हल्की चोट भी लगती है, तो तुरंत उसका कनकशन टेस्ट किया जाता है। खेल तब तक आगे नहीं बढ़ता जब तक खिलाड़ी को फिट घोषित नहीं किया जाता।

खिलाड़ियों की सुरक्षा पर बढ़ा ध्यान

इस घटना ने क्रिकेट के नियमों में कई बदलाव किए। हेलमेट की डिजाइन को अधिक सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाया गया। खिलाड़ियों के लिए अब यह सोचना जरूरी हो गया कि मैदान में उनकी सुरक्षा का जिम्मा सिर्फ उनकी तकनीक पर नहीं है। फिल ह्यूज़ की मौत ने यह साबित कर दिया कि हेलमेट जैसे उपकरण भी पूरी तरह से सुरक्षा की गारंटी नहीं देते। खिलाड़ियों की मानसिकता भी बदली और हर खिलाड़ी अब मैदान में उतरने से पहले सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

क्रिकेट के अन्य बड़े हादसे

ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब क्रिकेट ने ऐसी त्रासदी देखी। श्रीलंका टीम पर पाकिस्तान दौरे के दौरान हुए आतंकी हमले ने भी खेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। खिलाड़ियों की बस पर 20 मिनट तक फायरिंग हुई, जिसमें कई खिलाड़ी घायल हुए। इस घटना के बाद खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर नए नियम बनाए गए।

नया युग और नई सोच

फिल ह्यूज़ की मौत के बाद ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच टेस्ट सीरीज का शेड्यूल बदला गया। इस सीरीज में एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया और विराट कोहली के नेतृत्व में एक नई आक्रामक टीम इंडिया का आगाज़ हुआ। आज क्रिकेट ने काफी तरक्की कर ली है, लेकिन फिल ह्यूज़ का हादसा यह याद दिलाता है कि खेल से बढ़कर खिलाड़ियों की सुरक्षा और उनके जीवन का महत्व है।

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