8th Pay Commission : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। जी हां बीते गुरुवार को सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। साल 2026 में सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, उसके बाद से आठवां वेतन आयोग लागू किया जाएगा। इस बात का पता तो तभी चल पाएगा कि आठवें वेतन आयोग के गठन और सिफारिशों का कर्मचारियों को कुल कितना फायदा मिलेगा
सब पर पड़ता है असर
वेतन आयोग का असर सभी पर देखने को मिलता है। जी हां जब सातवें वेतन आयोग को लागू किया गया था, तो उसका बड़ा असर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स को मिलने वाली रकम पर देखा गया था। जी हां उनकी सैलरी और पेंशनर्स के खाते में आने वाली रकम बढ़ गई थी। आठवें वेतन आयोग को मिलने वाली मंजूरी का असर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा। इसके साथ-साथ किसी न किसी तरह से इसका असर आम जनता पर भी देखने को मिलता है।
इन सेक्टर को मिलेगा फायदा
विशेषतया जब वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाती है, तो उसके लागू होने के दो-तीन सालों तक मकान, कार और घरेलू सामानों की मांग में काफी तेजी देखने को मिलती है। कुछ ऐसा ही सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने पर भी देखा गया। जी हां जब साल 2016 में सातवां वेतन आयोग लागू किया गया तो कार कंपनियों की बिक्री में तेजी नजर आई थी। जी हां सैलरी और पेंशन के बढ़ जाने से सरकारी कर्मचारियों के पास अतिरिक्त पैसा आने लगता है, जिससे पर्चेजिंग पावर बढ़ जाती है, और वह इन पैसों का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा चीजें खरीदने में करते हैं। ऐसे ही आठवें वेतन आयोग के लागू होने का असर इन सभी सेक्टर्स में भी देखने को मिलेगा।
टूरिज्म में आएगी तेजी
जब वेतन आयोग लागू किया जाता है, तो इसका साकारात्मक असर पर्यटन विभाग में भी देखने को मिलता है। जी हां आजकल लोग पहले की अपेक्षा घूमने फिरने पर अधिक खर्च करने लगे हैं। जब सरकारी कर्मचारियों को उनकी बढी हुई सैलरी मिल जाएगी, तो वह इसका इस्तेमाल ट्रैवलिंग और घूमने फिरने के लिए अधिक करेंगे। जी हां सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का असर टूरिज्म इकोनॉमी पर भी पड़ता है।
महंगाई बनेगी चिंता का विषय
महंगाई का भी बड़ा असर देखने को मिलेगा। जी हां ऐसे लोग जिनके पास केंद्र सरकार की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं है, और ना ही पेंशन का सहारा है, उन्हें वेतन आयोग से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जी हां वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने का सीधा असर महंगाई पर देखने को मिलता है, जिससे बाजार में चीजों के दाम बढ़ जाते हैं। जब किसी भी चीज की मांग सप्लाई से अधिक होने लगेगी, तो कीमतें भी अपने आप बढ़ जाती हैं। जी हां वेतन आयोग लागू होने से जब केंद्रीय कर्मचारियों के हाथों में अधिक पैसे आने लगेंगे, तो वह खर्च भी अधिक करने लगेंगे, जिससे डिमांड और सप्लाई के बीच का तगड़ा डिफरेंस बढ़ जाएगा। इससे कीमतें भी काफी अधिक बढ़ जाएगी, जिससे आम जनता को दिक्कतों का सामना झेलना पड़ेगा।
सरकार पर बढ़ेगा बोझ
अगर वेतन आयोग के असर की बात सरकार को लेकर की जाए, तो उसका भी खर्चा बढ़ जाएगा। जी हां फरवरी साल 2014 में सातवें वेतन आयोग का गठन किया गया था, जबकि उसकी सिफारिशें साल 2016 में लागू हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक इस वेतन आयोग से सरकारी खजाने पर 114000 करोड़ का बोझ देखने को मिला था। गौरतलब है कि आठवें वेतन आयोग को लेकर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि सरकार सिर्फ अतिरिक्त बोझ ही उठाएगी, बल्कि उसके राजस्व में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
राजस्व में होगा इजाफा
वेतन आयोग का असर सरकार के राजस्व पर भी देखने को मिलेगा। जी हां सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने से उनके ऊपर टैक्स का भार भी बढ़ जाएगा। जी हां उन्हें पहले की अपेक्षा अधिक टैक्स चुकाना पड़ेगा। कर्मचारियों द्वारा चुकाए जाने वाले टैक्स की रकम सरकारी खजाने में ही जाती है, जिससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। जी हां आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का असर सरकार के राजस्व पर पड़ेगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों से खपत बढ़ेगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
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