Forex Reserves : पिछले कई महीनो से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट का दौर जारी है। जी हां सितंबर 2024 के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार गिरता ही जा रहा है।

क्यों लगातार देश के विदेशी मुद्रा भंडार में हो रही गिरावट

पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस गिरावट का मुख्य कारण रुपए में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए RBI का विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ मूल्यांकन को माना जा रहा है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 जनवरी 2025 को 5 .69 अरब डॉलर गिरावट के साथ 634.58 अरब डालर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक कि आई रिपोर्ट के मुताबिक इससे पिछले सप्ताह यानी दिसंबर 2024 में यह 4.11 अरब अमेरिकी डॉलर घटकर 640.28 अरब अमेरिकी डॉलर था। वही सितंबर 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के अब तक के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा था।

3 महीने पहले ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया था फॉरेक्स रिजर्व

जहां सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। वही सितंबर के बाद से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। शुक्रवार को जारी आकाडों के अनुसार 20 दिसंबर 2024 को विदेशी मुद्रा भंडार 6.01 अरब डालर घटकर 556.56 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वही 3 जनवरी 2025 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का मुख्य हिस्सा विदेशी मुद्रा अस्थियां 6.44 अरब घटकर 545.48 अरब डॉलर आ गया। इसके साथ-साथ फॉरेन करंसी असेट्स में भी विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी विदेशी करेंसी पर भी इसका असर नजर आ रहा है।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी गिरावट

सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व के मूल्यों में भी 82.4 करोड़ डॉलर बढ़कर साथ 67.09 अरब डॉलर पर आ गए। इसके अतिरिक्त विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.8 करोड डालर घटकर 17.81 अरब डॉलर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस समीक्षाधीन अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) इंटरनेशनल मोनेटरी फंड के पास भारत का आरक्षित भंडार घटकर 4.199 अरब डॉलर पहुंच गया है।

Read more :-होटल में हलाल मांस पर अड़ी Sana Khan, होटल स्टाफ को हड़काते वीडियो हुआ वायरल