Gold Hallmarking : अक्सर लोगों के मन में सोने (Gold) की शुद्धता को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते ही रहते हैं, कि हम जिस सोने की खरीदारी कर रहे हैं वह शुद्ध तो है, उसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट तो नहीं है। न जाने कितने सवाल, क्योंकि कोई भी उपभोक्ता सोने की खरीदारी को लेकर कभी संतुष्ट नहीं हो पाता। अगर आप भी सोने की शुद्धता को लेकर संतुष्ट नहीं है तो अब आपको परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं।
जी हां अब सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए एक नया नियम बनाया है जिसका उल्लंघन करके अब कोई भी ज्वेलर्स आभूषण नहीं बेच सकेगा। जी हां सरकार ने सोने की शुद्धता की गारंटी देने वाले हॉलमार्क (Gold Hallmarking) को लागू कर दिया है जिसके बिना ज्वेलर्स सोने के गहने नहीं बेंच पाएंगे। अब सरकार ने इस नए कानून को 18 अन्य शहरों में भी लागू कर दिया गया है।
सोने की हालमार्किंग का यह नया नियम
मिलावटी सोने की ज्वैलरी और टैक्स चोरी को रोकने के लिए अब सरकार की तरफ से प्रत्येक ज्वैलर्स के लिए हाल मार्किंग की अनिवार्यता लागू कर दी गई है। इस नियम के अंतर्गत अब ज्वेलर्स जितनी भी ज्वेलरी सेल करेंगे उन सब पर हॉलमार्क लगाना अनिवार्य होगा। यह हॉलमार्क या BIS नंबर न सिर्फ कस्टमर को सोने की शुद्धता की गारंटी देता है, बल्कि यह तक बताता हैं कि इस ज्वैलरी को कहां और कब बनावाया गया था।
अब सरकार की तरफ से इस गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) को देश के 11 राज्यों और 18 जिलों में लागू किया जा चुका है। सरकार क्रमानुसार यह नियम पूरे देश में लागू करना चाहती है।
इस नंबर के बिना अब 18 शहरों में नहीं होगी सोने की बिक्री
सरकार की तरफ से 11 राज्य और 18 जिलों में अब बिना हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने पर रोक लगा दी गई है। जी हां सरकार की तरफ से यह नियम 23 जून 2021 से ही अनिवार्य कर दिया गया था। इसके बाद से ही क्रमानुसार धीरे-धीरे यह हाल मार्किंग (Gold Hallmarking) का नियम लागू किया जा रहा था। अब यह सरकार का चौथा चरण है जिसके अंतर्गत आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, उड़ीसा, पांडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 18 जिलों के नाम इसमें शामिल किए गए हैं।
सोना - हॉल मार्किंग
सरकार की तरफ से सोने के आभूषणों पर हॉल मार्किंग (Gold Hallmarking) की अनिवार्यता 23 जून 2021 से ही शुरू कर दी गई थी। तबसे अब तक 40 करोड़ से अधिक सोने की आभूषणों की विशिष्ट पहचान (आईडी) के साथ हॉलमार्किंग से की गई है। जी हां इसके साथ ही अब उपभोक्ताओं में आभूषणों को लेकर विश्वास और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। अब सरकार के इस चौथे चरण के बाद जिन जिलों में हॉल मार्किंग (Gold Hallmarking) को अनिवार्य कर दिया गया है, उनकी संख्या 361 हो गई है।
सरकार ने आभूषणों की शुद्धता को लेकर जो यह पहल की है, उसे पंजीकृत ज्वैलर्स की संख्या 34,647 से बढ़ाकर अब 1,94,039 हो गई है। इसके साथ-साथ परख और हाल मार्किंग केंद्रों की संख्या में भी इजाफा हुआ है, जो 945 से बढ़कर 1622 पहुंच गई है। अब प्रत्येक उपभोक्ता बीआईएस केयर मोबाइल ऐप का प्रयोग करके अपने आभूषणों की हॉल मार्किंग की प्रमाणिकता को जांच सकता है। इसके साथ-साथ अगर आभूषणों को लेकर उपभोक्ताओं के मन में किसी बात का संदेह है तो बीआईएस के निशान के दुरुपयोग के बारे में उसकी शिकायत भी दर्ज कर सकता है।
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