सिंगापुर में आयोजित वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में भारत के डी गुकेश ने चीन के डिन लिरेन को हराकर वर्ल्ड चेस चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया। गुकेश ने 14 बाजियों के इस रोमांचक मुकाबले में 7.5 अंक अर्जित कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वह विश्वनाथन आनंद के बाद इस खिताब को जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए। चैंपियन बनने के बाद गुकेश ने कहा, "यह मेरी 10 साल की मेहनत और सपना था, जो आखिरकार आज पूरा हुआ।" इस भावुक पल में उनकी आंखें आंसुओं से भर आईं।
गुकेश की जीत के पीछे पैडी ऑप्टन का हाथ
गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे पैडी अप्टन का अहम योगदान रहा। पैडी अप्टन, जो दक्षिण अफ्रीका के मेंटल और कंडिशनिंग कोच हैं, ने गुकेश को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद की। अप्टन का काम खिलाड़ियों को दबाव भरे हालात में शांत और स्थिर रहना सिखाना है। उनके मार्गदर्शन ने न केवल चेस में बल्कि अन्य खेलों में भी खिलाड़ियों को अपनी क्षमता के शिखर तक पहुंचने में मदद की है।
पैडी अप्टन ने इसी साल अक्टूबर में चेस ओलंपियाड के दौरान गुकेश के साथ काम करना शुरू किया। गुकेश ने बताया कि अप्टन की सलाह और प्रशिक्षण ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर खिलाड़ी बनने में मदद की। अप्टन के सहयोग का नतीजा था कि भारत ने चेस ओलंपियाड में भी शानदार प्रदर्शन किया।
क्रिकेट, हॉकी और अब चेस में पैडी अप्टन का जादू
पैडी अप्टन केवल चेस तक सीमित नहीं हैं। 2011 में टीम इंडिया की वर्ल्ड कप जीत में भी उनकी भूमिका सराहनीय रही थी। इसके अलावा, वह भारतीय हॉकी टीम के मेंटल कंडिशनिंग कोच के तौर पर काम कर चुके हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में हॉकी टीम ने लगातार दूसरा ब्रॉन्ज मेडल जीता, जिसमें अप्टन की रणनीति का अहम योगदान था।
गुकेश की जीत न केवल भारतीय चेस के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह दिखाती है कि मानसिक मजबूती और सही मार्गदर्शन से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
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