IndiGo vs Mahindra: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने इस वक्त महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल लिमिटेड के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया है और यह सिर्फ और सिर्फ ट्रेडमार्क को लेकर शुरू हुआ है. दरअसल हाल ही में महिंद्रा ने अपने नए इलेक्ट्रिक कार Be 6e के लांचिंग की जानकारी दी है,
जहां इस मॉडल में 6e का इस्तेमाल करने पर इंडिगो को आपत्ति है, क्योंकि इंडिगो (IndiGo vs Mahindra) का मानना है कि यह न केवल उनका ऑफिशियल नाम है, बल्कि इसकी ब्रांडिंग का भी एक हिस्सा है.
IndiGo vs Mahindra: यहां समझे पूरा मामला
दरअसल इंडिगो एयरलाइंस ने महिंद्रा की जिस इलेक्ट्रिक एसयूवी को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया था, यह न्यायमूर्ति अमित बंसल के समक्ष आया. दरअसल 2015 में इंडिगो (IndiGo vs Mahindra) द्वारा 6e ब्रांड को शुरू किया गया था, जो कंपनी के लिए आज एक पहचान बन चुका है. एयरलाइन के पास विज्ञापन, परिवहन और यात्री सेवाओं में इस 6e ब्रांड नेम ट्रेडमार्क रजिस्टर है.
यही वजह है कि अब महिंद्रा द्वारा भी जिस 6e का इस्तेमाल अपने इलेक्ट्रिक कार में किया जा रहा है. इस बात से इंडिगो एयरलाइन को परेशानी है. वही महिंद्रा कंपनी की ओर से इस बात पर जोर दिया गया है कि उनके ब्रांडिंग में भ्रम की कोई संभावना नहीं है क्योंकि यह एयरलाइन सेवा के बजाय इलेक्ट्रिक वाहन के लिए इस्तेमाल की जाती है.
पहले भी हुए ऐसे मामले
जब दिल्ली हाईकोर्ट में इंडिगो ने मुकदमा दायर किया तो इसे लेकर महिंद्रा कंपनी (IndiGo vs Mahindra) द्वारा कहा गया की कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक ओरिजिन एसयूवी पोर्टफोलियो के एक हिस्से be6e के लिए क्लास 12 के तहत ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, जो की इंडिगो के 6e से बिल्कुल अलग है.
यह दूसरी बार है जब इंडिगो किसी कंपनी के साथ नाम को लेकर कानूनी लड़ाई रह रही है. 2015 में टाटा मोटर्स के साथ भी इंडिगो का ट्रेडमार्क विवाद देखने को मिला था. उस समय टाटा मोटर्स अपनी एक सेडान कर को इंडिगो नाम से बेचती थी जिस कारण कानूनी विवाद शुरू हुआ था.