Insurance Claim : हर इंसान अपने परिवार के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस पॉलिसी (INSURANCE POLICY) का सहारा लेता है। कोरोना महामारी के बाद से लोगों में बीमा के प्रति जागरूकता बहुत अधिक बढ़ गई है। जी हां इस समय इंश्योरेंस हमारी जिंदगी का एक ऐसा हिस्सा बन गया है जिससे लोग अपनी जिंदगी को सुरक्षित बनाने का प्रयास करते हैं। फिर चाहे बात लाइफ इंश्योरेंस की हो रही हो, या हेल्थ इंश्योरेंस की।

आजकल तो लोगों में इंश्योरेंस को लेकर इतनी अधिक जागरूकता बढ़ गई है, कि वह दुकान और घर जैसी चीजों का भी बीमा कराने लगे हैं। लोगों का यह निर्णय काफी हद तक सही भी है, क्योंकि इससे उनके परिवार के वित्तीय भविष्य की सुरक्षा होती है। हालांकि कई ऐसे भी लोग हैं जिन्हें यह शिकायत रहती है कि बीमा कंपनियां इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) देने में आनाकानी करती है। यहां तक की कई बार तो ऐसा भी होता है जब क्लेम को रिजेक्ट भी कर दिया जाता है।

आइए आज इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं, कि आखिर इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम (Insurance Claim) रिजेक्ट क्यों कर देती हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका क्लेम रिजेक्ट ना हो तो इसके लिए आपको क्या सावधानी बरतनी होगी।

Insurance Claim रिजेक्ट होने का कारण

क्लेम रिजेक्शन की बात पर श्री राम जनरल इंश्योरेंस के चीफ अंडरराइटिंग ऑफिसर शशिकांत दहूजा ने कहा, अगर इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय हम किसी प्रकार की कोई गलत जानकारी भर देते है, तो फिर आपका क्लेम (Insurance Claim) रिजेक्ट होने की पूरी संभावना बनी रहती है। इसलिए हर व्यक्ति को बीमा पॉलिसी लेते समय अपनी उम्र और स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां सही-सही भरना चाहिए और उसे ढंग से जांच भी लेना चाहिए।

इसके साथ-साथ अगर आपको स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की कोई बीमारी या परेशानी है, तो उसका भी खुलासा करना चाहिए। इसके साथ-साथ बीमा पॉलिसी प्रीमियम को भी समय पर चुकाते रहना चाहिए, ताकि हमारी पॉलिसी रद्द ना हो सके।

Insurance क्लेम रिजेक्शन से कैसे करें बचाव

क्लेम रिजेक्शन को लेकर दहूजा का कहना है कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो पॉलिसी लेते समय ठीक से जांच पड़ताल नहीं करते। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को पॉलिसी लेते समय किसी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए, बल्कि उसका सही ढंग से मूल्यांकन करना चाहिए, ताकि आपको आगे किसी प्रकार की दिक्कत ना हो सके। इसके साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपको किस चीज की सुरक्षा की आवश्यकता है, फिर चाहे यहां बात स्वास्थ्य की हो, घर की, गाड़ी की, या फिर व्यवसाय की।

लेकिन यह बात आपको पहले से सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। कई बार ऐसा भी होता है, कि लोग सस्ती पॉलिसी के झांसे में आ जाते हैं और अपनी वाजिब कवरेज छोड़ देते हैं, जिसका नुकसान उन्हें बाद में झेलना पड़ता है। इसके साथ-साथ हर इंसान को बीमा क्लेम लेते समय पॉलिसी और क्लेम सेटेलमेंट के बीच का अंतर भी समझ लेना चाहिए।

क्लेम रिजेक्शन पर क्या करें उपाय

हर इंसान अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए बीमा कराता है, लेकिन जब आवश्यकता पड़ने पर बीमा क्लेम रिजेक्ट हो जाता है तो इससे बड़ी निराशा की बात और कुछ हो ही नहीं सकती। श्री राम जनरल इंश्योरेंस के चीफ दहूजा ने कहा कि आप ऐसी स्थिति में कुछ अहम कदम उठा सकते हैं। जी हां अगर आपका क्लेम रिजेक्ट हुआ है, तो सबसे पहले आपको बीमा कंपनी के अस्वीकृति पत्र को ध्यान से पढ़ना होगा।

अगर आपका क्लेम किसी अधूरी जानकारी के कारण रिजेक्ट कर दिया गया है, तो उसमें सुधार करके आप उसे दोबारा क्लेम सबमिट के लिए करा सकते हैं। अगर कहीं आपका क्लेम किसी गलत कारण के कारण रिजेक्ट कर दिया गया है, तो फिर आपको बीमा कंपनी से संपर्क करना होगा।

लेकिन अगर किसी कारण‌वश कंपनी आपकी बात पर गौर नहीं करती तो फिर आपको उसके खिलाफ सभी सबूतों के साथ इंश्योरेंस रेगुलेटर -भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण‌ (IRDAI) के पास अपील करनी चाहिए।

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