कभी भारतीय क्रिकेट का उभरता हुआ सितारा कहे जाने वाले पृथ्वी शॉ ने अपने करियर की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की थी। महज 18 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू कर उन्होंने अपने पहले ही मैच में शानदार शतक लगाया। लेकिन वक्त के साथ उनका करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। अब हालात ऐसे हैं कि वह न केवल टीम इंडिया से बाहर हैं, बल्कि आईपीएल 2025 की नीलामी में भी उन्हें किसी टीम ने नहीं खरीदा। रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी की टीमों से बाहर किए जाने के बाद उनके करियर पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
फिटनेस और फॉर्म बनी बड़ी चुनौती
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने पृथ्वी शॉ को विजय हजारे ट्रॉफी की टीम से बाहर रखने का कारण बताया है। MCA के सूत्रों के अनुसार, पृथ्वी की फिटनेस और प्रदर्शन दोनों चिंता का विषय हैं।
सूत्र ने कहा, "फिटनेस की समस्या सबसे बड़ी है। उनकी वर्तमान शारीरिक स्थिति को देखकर साफ पता चलता है कि उन्हें अपनी फिटनेस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही, उनका प्रदर्शन भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।"
हाल ही में मुंबई ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब जीता, लेकिन पृथ्वी का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में बेहद साधारण रहा। उन्होंने 9 मैचों में केवल 197 रन बनाए, जिसमें उनकी सबसे बड़ी पारी 49 रनों की रही। इससे पहले रणजी ट्रॉफी में भी उनका प्रदर्शन खराब रहा, जहां वह चार पारियों में केवल 59 रन बना पाए।
इंस्टाग्राम पर भावुक संदेश
विजय हजारे ट्रॉफी की टीम से बाहर किए जाने के बाद पृथ्वी शॉ ने इंस्टाग्राम पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा, "हे भगवान, मुझे और कितना देखना होगा? अगर 65 पारियों में 3399 रन, 55.7 की औसत और 126 के स्ट्राइक रेट से मैं अच्छा नहीं हूँ, तो बताइए। लेकिन मुझे आप पर भरोसा है और उम्मीद है कि लोग अब भी मुझ पर विश्वास करते हैं। मैं जरूर वापसी करूंगा। ओम साईं राम।"उनके इस संदेश से साफ है कि वह वापसी को लेकर आशावान हैं।
करियर को पटरी पर लाने की जरूरत
पृथ्वी शॉ के पास शानदार तकनीक और अद्वितीय प्रतिभा है, लेकिन फिटनेस और अनुशासन की कमी उनके करियर में बाधा बन रही है। MCA ने उनके लिए सुधार की राह दिखा दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पृथ्वी इन चुनौतियों से उबरकर अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जा पाएंगे।
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