Jay Shah ICC Chairman: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष के रूप में जय शाह ने कार्यभार संभाला है और इस भूमिका को निभाने वाले वह पांचवें भारतीय हैं. आपको बता दे कि जय शाह इससे पहले पिछले 5 वर्षों से बीसीसीआई सचिव रह चुके हैं और वह आईसीसी के निदेशक मंडल की सर्वसम्मत पसंद थे.
35 साल की उम्र में जय शाह (Jay Shah ICC Chairman) इस पद को संभालने वाले सबसे युवा व्यक्ति बन गए हैं जिन्होंने ग्रेग बार्कले का स्थान हासिल किया है, जिन्होंने तीसरी बार इस पद के लिए नहीं लड़ने का फैसला लिया. इसके लिए वह बिल्कुल भी इच्छुक नहीं थी.
Jay Shah ICC Chairman: जय शाह द्वारा लिए गए ये मजबूत फैसला
जय शाह का पहला कदम गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन में था जहां उन्होंने 2013 में संयुक्त सचिव का पद संभालने के बाद मोटेरा स्टेडियम की महात्वकांक्षी पुनरुद्धार योजना में सबसे आगे थे और इस दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम करार दिया. साल 2020 में 132000 सीटों वाला यह स्टेडियम नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम का स्थल था जिसका नाम बदलकर बाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया.
फिर 2019 में जय शाह (Jay Shah ICC Chairman) को बीसीसीआई का सचिव चुना गया. कोरोना महामारी के दौरान भी 2020 का आईपीएल संस्करण संयुक्त अरब अमीरात में आयोजन करवाया. उसके बाद उन्होंने घोषणा कि एक क्रिकेटर जिसने अपने करियर में 40 से अधिक मैच खेले हैं उसे हर दिन 60000 रुपए की मैच फीस मिलेगी और फिर 2024 की शुरुआत के साथ उन्होंने यह घोषणा की थी कि टेस्ट की संख्या के आधार पर खिलाड़ी की मैच फीस में वृद्धि की जाएगी.
जय शाह को वैश्विक खेल के शीर्ष पर पहुंचने के लिए एशियाई क्रिकेट परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और बीसीसीआई ने जय शाह के कार्यकाल में 5 साल की अवधि के लिए 48390 करोड रुपए की आईपीएल मीडिया राइट्स के लिए रिकॉर्ड तोड़ सौदा भी हुआ. बीसीसीआई ने 2022 के अंत में महिला क्रिकेटर्स को उनके पूर समकक्षों के समन मैच फीस का भुगतान करने का ऐलान किया.
चुनौतियों से शुरू होगा कार्यकाल
आपको बता दे की जय शाह (Jay Shah ICC Chairman) भारत के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं जिनका आईसीसी के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल चुनौतियों के साथ शुरू होगा, क्योंकि आईसीसी को पाकिस्तान में निर्धारित चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल को लागू करने के लिए एक स्वीकार समाधान खोजने की जरूरत है.
आपको बता दे कि जय शाह के कार्यकाल में बीसीसीआई ने राजस्व और गुणवत्ता में काफी ज्यादा तरक्की की है. उन्होंने न केवल भारतीय क्रिकेट के विश्व विकास को मजबूत किया है बल्कि आईपीएल में टीम की संख्या को 8 से 10 कर दिया.