Mahakumbh 2025: 13 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरु हुए महाकुंभ को लेकर अभी भी देशभर के लोगों में काफी उत्साह है। इस बड़े आयोजन में अब तक देश-विदेश को मिलाकर करोड़ों लोग आ चुके हैं। वहीं 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) में आगे भी ऋद्धालुओं की भीड़ जमा होने की उम्मीद है।

यहां लोग आकर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। हालांकि हाल ही में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में गंगा-यमुना के पानी को दूषित व नहाने लायक नहीं बताया है।

Mahakumbh 2025: नहाने लायक नहीं गंगा-यमुना का पानी

Mahakumbh 2025

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को एक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में उन्होंने दावा किया है कि महाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज में नदी का जल नहाने लायक नहीं है। यह लोगों के स्नान लायक प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं है।

बता दें कि इस रिपोर्ट को पेश करने से पहले सीपीसीबी ने 9 जनवरी से 21 जनवरी के बीच प्रयागराज के 73 अलग-अलग स्थानों से पानी के सैंपल इकट्ठा किए थे। इन सैंपल में पाया गया कि पानी में बैक्टीरिया की मात्रा काफी अधिक है जोकि सामान्य नहीं है। इस बैक्टेरिया का नाम "फीकल कोलीफॉर्म" है।

Mahakumbh 2025: एनजीटी ने यूपीपीसीबी से मांगी रिपोर्ट

गंगा और यमुना नदी के जल की जांच 6 मानकों पर की गई थी। CPCB के मानकों ने 100 मिलीलीटर पानी में 2,500 इकाई फीकल कोलीफॉर्म की अनुमति सीमा निर्धारित की है। पानी दूषित होने का सबसे बड़ा कारण सीवेज का पानी गंगा-यमुना में छोड़ना बताया जा रहा है। एनजीटी ने सीपीसीबी की रिपोर्ट मिलने के बाद यूपीपीसीबी को कारवाई रिपोर्ट जमा करने के आदेश दिए हैं।

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