साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज मार्को यानसन ने टेस्ट क्रिकेट में एक ऐसा ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है, जिसे 120 साल पहले ह्यू ट्रंबल ने अंजाम दिया था। श्रीलंका के खिलाफ डरबन में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में यानसन ने 41 गेंदों में 7 विकेट चटकाकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। उनकी घातक गेंदबाजी के आगे श्रीलंकाई टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और महज 42 रनों पर ऑलआउट हो गई।

साउथ अफ्रीका को मिली बढ़त

हालांकि साउथ अफ्रीका की पहली पारी भी ज्यादा बड़ी नहीं थी और टीम सिर्फ 191 रन बना सकी थी। इसके बावजूद यानसन और अन्य गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी के दम पर मेजबान टीम ने 149 रनों की अहम बढ़त हासिल कर ली। यानसन ने 6.5 ओवर में 13 रन देकर 7 विकेट झटके, जिससे उन्होंने 1904 में ह्यू ट्रंबल के इंग्लैंड के खिलाफ बनाए गए रिकॉर्ड की बराबरी की।

मैच की शुरुआत श्रीलंका के लिए उम्मीदों से भरी थी, जब उन्होंने साउथ अफ्रीका को पहली पारी में सिर्फ 191 रनों पर रोक दिया। लेकिन उनकी बल्लेबाजी यानसन के सामने ढह गई। श्रीलंका को पहला झटका 6 रन पर लगा और उसके बाद विकेटों की झड़ी लग गई। यानसन के अलावा जेराल्ड कोएट्जी और कगिसो रबाडा ने भी श्रीलंका के बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। कोएट्जी ने 2 विकेट लिए, जबकि रबाडा ने 1 विकेट चटकाया। पूरी श्रीलंकाई टीम 13.5 ओवर में सिर्फ 42 रन पर सिमट गई।

मार्को यानसन का रिकॉर्ड प्रदर्शन

मार्को यानसन ने पांच ओवर के भीतर ही श्रीलंकाई टीम को बैकफुट पर धकेल दिया। उनकी सटीक और घातक गेंदबाजी का तोड़ किसी भी बल्लेबाज के पास नहीं था। यह प्रदर्शन यानसन को टेस्ट इतिहास में खास स्थान दिलाता है।

मार्को यानसन का यह प्रदर्शन इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड की याद दिलाता है, जिन्होंने 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 ओवर में 7 विकेट लिए थे। यानसन ने भी उसी स्तर का प्रदर्शन दिखाते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है 120 साल के लंबे अंतराल के बाद यानसन का यह कारनामा न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार है, बल्कि यह साउथ अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास में भी सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

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