ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है। इस सीरीज में दोनों टीमें अपनी ताकत और रणनीतियों को आजमाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन ने भारतीय तेज गेंदबाजों के खिलाफ चेतेश्वर पुजारा की शैली में लंबी पारी खेलने का इरादा जाहिर किया है। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने पुजारा की गैरमौजूदगी को राहतभरा बताया है।
मार्नस लाबुशेन का लंबी पारी खेलने का इरादा
मार्नस लाबुशेन ने चेतेश्वर पुजारा के पिछले प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 2018-19 और 2020-21 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अपनी पारी से भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया था। पुजारा ने 2018-19 में 1258 गेंदों पर तीन शतक जड़ते हुए भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद 2020-21 की सीरीज में उन्होंने 928 गेंदों का सामना किया और टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की।
मार्नस लाबुशेन ने कहा कि पांच मैचों की इस सीरीज में भारतीय तेज गेंदबाजों को थकाना बेहद जरूरी होगा। मार्नस लाबुशेन बताया कि लंबे समय तक टिककर खेलने से गेंदबाजों पर दबाव बनाया जा सकता है, जिससे उनके दूसरे और तीसरे स्पेल में कमज़ोरी का फायदा उठाया जा सके।
हेजलवुड ने पुजारा की अनुपस्थिति पर जताई खुशी
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने कहा कि भारतीय टीम से चेतेश्वर पुजारा की गैरमौजूदगी उनके लिए सुकूनभरी है। उन्होंने याद किया कि पिछली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पुजारा की जुझारू पारियों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को खूब मेहनत कराई थी। हेजलवुड ने यह भी कहा कि 2014 के बाद यह पहला मौका होगा जब पुजारा इस प्रतिष्ठित सीरीज का हिस्सा नहीं होंगे।
भारतीय टीम में तीसरे नंबर पर शुभमन गिल की जगह कौन खेलेगा, यह अब सवाल बना हुआ है, क्योंकि गिल अंगूठे की चोट के कारण पहले टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे। वहीं, भारतीय तेज आक्रमण जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, हर्षित राणा, प्रसिद्ध कृष्णा और नीतीश कुमार रेड्डी के कंधों पर होगा, जिनका यह पहला ऑस्ट्रेलिया दौरा है।
पुजारा का ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड
पुजारा का ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने वहां 11 मैचों में 47.28 की औसत से 993 रन बनाए हैं, जिसमें पांच अर्धशतक और तीन शतक शामिल हैं। 2018-19 की सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे पुजारा ने उस समय 1258 गेंदों पर तीन शतक जड़े थे। उनकी अनुपस्थिति भारतीय बल्लेबाजी क्रम के लिए चुनौती बन सकती है।
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