Success Story : इंसान अगर अपनी मेहनत और लगन से किसी काम को करने की ठान लेता है, तो फिर उसके आगे किस्मत भी घुटने टेक देती है, कुछ ऐसा ही किस्सा हमारे सामने आया। जी हां आज हम आपको इस आर्टिकल में कुछ ऐसी ही कहानी बताएंगे, जिसे सुनकर आप भी आश्चर्यचकित हो उठेंगे। यहां बात हो रही है नवनूर कौर की, जिन्होंने IMT गाजियाबाद से MBA करने के बाद बैंक में एक अच्छी नौकरी हासिल की। लेकिन नौकरी करना उनका शौक नहीं था, उनका सपना तो कुछ और ही था।
उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर बैंक की नौकरी छोड़ दी, और अपना एक स्टार्टअप बिजनेस शुरू कर दिया। उनका यह बिजनेस 'जैगरकेन' के नाम से शुरू हुआ, जो कि अब तक 22 जिलों में फैल चुका है। अपने इसी बिजनेस के दम पर वह आज सालाना दो करोड़ की कमाई भी कर रही है। यह सब उन्होंने अपनी मेहनत, काबिलियत और लगन के दम पर हासिल किया। इंसान अगर कुछ भी करने की ठान लेता है, और उसके हौसले बुलंद होते हैं तो वह अपनी काबिलियत के दम पर जीवन का ऐसा मुकाम भी हासिल कर लेता है जो शायद उसके लिए कभी संभव ही ना हो। आईए आज इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं नवनूर कौर की सफलता के बारे में विस्तार से।
ऐसे मन में सूझा विचार
नवनूर कौर पढ़ाई में तो शुरू से ही अच्छी थी ही। अपनी काबिलियत के दम पर साल 2019 में उन्होंने IMT गाजियाबाद से MBA की पढ़ाई पूरी कर ली। उनका पालन पोषण लुधियाना में हुआ था। उनके पिता एक प्रोफेसर है,और मां स्कूल प्रिंसिपल है। उनकी फैमिली का माहौल भी पढ़ा लिखा था और नवनूर भी पढ़ाई में अव्वल थी। अपनी इसी काबिलियत के दम पर उन्हें गुड़गांव में कोटक बैंक में बैंक मिल गई। इस दौरान उनकी सैलरी भी काफी अच्छी थी, लेकिन उनका सपना तो कुछ और ही था।
उनके मन में हमेशा फूड बिजनेस करने का ख्याल उमड़ना रहता। उनके परिवार में बहुत से लोगों को डायबिटीज जैसी बीमारी थी, जिससे उनके मन में गुड बेचने का विचार अक्सर आया करता था। जी हां अपने परिवार के लोगों की डायबिटीज जैसी बीमारी को देखते हुए वह हमेशा रिफाइंड चीनी का एक हेल्थी विकल्प ढूंढने का प्रयास करती रहती थी। उन्होंने बाजार में भी देखा कि किसी भी कंपनी के द्वारा केमिकल फ्री गुड़ की सेल नहीं की जा रही थी।
परिवार को दिलाया पूर्ण विश्वास
नवनूर कौर के मन में अपने बिजनेस को शुरू करने का इतना हौसला था, कि वह दिन भर बैंक में नौकरी करती और रात में अपने स्टार्टअप पर काम करती। उन्होंने अपनी जमा पूंजी से अपने स्टार्टअप बिजनेस 'जैगरकेन' की शुरुआत की। हालांकि उनके परिवार का तनिक भी मन नहीं था, कि नवनूर कौर बैंक की नौकरी छोड़े, लेकिन नवनूर का सपना तो कुछ और ही था। उन्होंने अपने परिवार को अपने सुझाव पर पूरा भरोसा दिलाया। शुरुआत में उन्हें अपने बिजनेस को शुरू करने के लिए काफी संघर्ष भी करना पड़ा। जी हां उन्हें डोर टू डोर जाकर अपने बिजनेस की मार्केटिंग करनी पड़ी। जब लोग उनके गुड़ के प्रोडक्ट को पसंद करने लगे, तो फिर उनका आत्म बल बढ़ गया और वह अपने बिजनेस में पूरी लगन और निष्ठा से जुट गई।
जमा की गई राशि बिजनेस में लगाई
नवनूर कौर ने अपने गुड़ के बिजनेस को अपनी लगन और निष्ठा के साथ शुरू किया। गुड़ के साथ उन्होंने कई एक्सपेरिमेंट करते हुए नए-नए प्रोडक्ट बनाएं। उनके पिता द्वारा पढ़ाया एक शिक्षक कौशल पंजाब में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट चलता था, उसी के साथ मिलकर नवनूर कौर ने अपने बिजनेस की शुरुआत की। जहां कौशल मैन्युफैक्चरिंग का काम देखते है, वही नवनीत ब्रांडिंग, ऑपरेशंस और टाई अप्स का काम संभालती है। नवनूर कौर ने अपनी बैंक की नौकरी से ₹5 लाख की जो भी बचत की थी, वह पूरी जमा पूंजी उन्होंने अपने बिजनेस को शुरू करने में लगा दी।
अब कर रही करोड़ की कमाई
नवनूर कौर ने जो रास्ता चुना वह बहुत ही मुश्किल और संघर्षपूर्ण था। उन्होंने अपनी लगन और काबिलियत के दम पर अपनी मंजिल को हासिल कर ही लिया। अपने बिजनेस को शुरू करने में उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जी हां कई दुकानदार तो ऐसे थे जो कम मार्जिन और कम सेल्फ लाइफ के चलते उनके प्रोडक्ट रखने से ही इनकार कर देते थे, लेकिन नवनूर अपने इरादों पर टिकी रही और हार नहीं मानी। कौशल जोकि मैन्युफैक्चरिंग का काम देखते थे, उन्होंने गुड़ की शेल्फ लाइफ एक महीने से बढ़कर 9 महीने की कर दी।
अब हालत ऐसे है, कि नवनूर के प्रोडक्ट सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में भी निर्यात होते हैं। नवनूर की कंपनी 'जैगरकेन' में 25 लोग काम करते हैं, जिनमें 7 से 8 महिलाएं भी है। अब वह अपने इसी स्टार्टअप बिजनेस से सालाना 2 करोड रुपए की कमाई कर रही है। नवनूर की कहानी ऐसे लोगों के लिए प्रेरणादायक है, जो नौकरी से अधिक बिजनेस को महत्व देती है। अपनी मेहनत और लगन से वह सफलता की ऐसी बुलंदियों तक पहुंच गई, कि आज हर कोई उनकी तारीफें करते नहीं थकता।
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