भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार से शुरू हुए पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम के युवा खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया। ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी और तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने अपने डेब्यू टेस्ट में शानदार शुरुआत की। नीतीश रेड्डी ने बल्लेबाजी में जहां आत्मविश्वास दिखाया, वहीं हर्षित ने गेंदबाजी में प्रभाव छोड़ा। मैच के पहले दिन नीतीश रेड्डी ने अपनी बल्लेबाजी से टीम को मजबूती दी और खेल समाप्ति के बाद उन्होंने मुख्य कोच गौतम गंभीर की सलाह को लेकर बड़ा खुलासा किया।

गौतम गंभीर की सलाह ने बढ़ाया नीतीश रेड्डी का आत्मविश्वास

नीतीश रेड्डी ने बताया कि अभ्यास सत्र के अंतिम दिन मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उनसे खास बातचीत की थी। गंभीर ने कहा था, "बाउंसर का सामना उसी तरह करो जैसे आप देश के लिए गोली खा रहे हो।" इस बात ने नीतीश का आत्मविश्वास बढ़ाया। नीतीश ने कहा, "पर्थ के विकेट को लेकर थोड़ा डर था, लेकिन गंभीर सर की बातों ने मुझे साहस दिया। उनकी सलाह ने मेरी मानसिकता बदल दी और मैं बेहतर प्रदर्शन कर सका।"

21 वर्षीय नीतीश रेड्डी के लिए डेब्यू मैच कई मायनों में खास रहा। उन्होंने बताया कि विराट कोहली से डेब्यू कैप पाना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा था। नीतीश ने कहा, "विराट भाई मेरे आदर्श हैं। उनसे कैप लेना मेरे करियर का सबसे खास पल है। भारत के लिए खेलना मेरा सपना था और यह पल हमेशा यादगार रहेगा।"

नाथन लायन के खिलाफ दिखाया आक्रामक रुख

मैच के पहले दिन नीतीश ने 41 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें छह चौके और एक छक्का शामिल था। जब उनसे ऑफ स्पिनर नाथन लायन के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी, इसलिए मुझे रन बनाने के मौके तलाशने थे। लायन की गेंदबाजी पर मैंने देखा कि उन्हें पिच से मदद नहीं मिल रही है, इसलिए मैंने उनके खिलाफ रन बनाने का फैसला किया।"

पहले दिन के खेल में नीतीश और हर्षित की जोड़ी ने दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। जहां नीतीश ने बल्ले से कमाल किया, वहीं हर्षित ने भी गेंदबाजी में अपना दम दिखाया। अब सभी को उम्मीद है कि ये युवा खिलाड़ी आगे भी अपनी छाप छोड़ेंगे।

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