भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने संकेत दिए हैं कि 21 वर्षीय ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में होने वाले पहले टेस्ट में डेब्यू कर सकते हैं। आंध्र प्रदेश के इस होनहार खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा है और पहली बार टेस्ट टीम में शामिल हुए हैं। रेड्डी ने इस साल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा साबित की है, जिससे उन्हें लाल गेंद के खेल में मौका मिलना लगभग तय माना जा रहा है।

मोर्ने मोर्कल ने ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी के महत्व को रेखांकित किया

मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोर्ने मोर्कल ने रेड्डी के कौशल और ऑलराउंड क्षमता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "नीतीश रेड्डी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन पर हमारी नजर रहेगी। उनकी गेंदबाजी टीम के तेज आक्रमण को संतुलन देती है, वहीं बल्लेबाजी में निचले क्रम को मजबूती प्रदान करती है। कोई भी टीम ऐसे ऑलराउंडर को चाहती है जो विदेशी परिस्थितियों में उपयोगी हो। जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में रेड्डी का उपयोग काफी अहम होगा।"

नीतीश ने आईपीएल 2024 सीजन में शानदार प्रदर्शन कर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्हें डेब्यू का मौका मिला। हालांकि, उनके प्रथम श्रेणी करियर में सिर्फ 23 मैच शामिल हैं, लेकिन उनकी मध्यम गति की गेंदबाजी और निचले क्रम में उपयोगी रन बनाने की क्षमता उन्हें खास बनाती है। हाल ही में, वह भारत ए के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेले, जहां उनका प्रदर्शन औसत रहा। बावजूद इसके, टीम प्रबंधन ने उन पर भरोसा जताया है।

पहले टेस्ट के लिए टीम संयोजन पर चर्चा

पहले टेस्ट में भारत तीन विशेषज्ञ तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकता है, जिसमें चौथे गेंदबाज के रूप में नीतीश रेड्डी को मौका दिया जा सकता है। स्पिन विभाग में रवींद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर और रविचंद्रन अश्विन में से किसी एक का चयन होगा। रेड्डी की खासियत यह है कि वह गेंद और बल्ले दोनों से टीम में गहराई जोड़ते हैं।

वाका स्टेडियम में अभ्यास सत्र के दौरान रेड्डी ने टीम प्रबंधन को काफी प्रभावित किया है। उनके प्रदर्शन को देखते हुए, मोर्कल ने कहा कि वह शुरुआती दिनों में एक छोर से गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती दे सकते हैं। भारतीय टीम के लिए रेड्डी की मौजूदगी विदेशी परिस्थितियों में निर्णायक साबित हो सकती है।

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