Personal Loan EMI Tips : हर इंसान को कभी न कभी अकस्मात् आए किसी खर्च को पूरा करने के लिए इमरजेंसी फंड की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसे में उसके पास पर्सनल लोन लेना एक बेहतर ऑप्शन होता है। जी हां पर्सनल लोन की सहायता से आपको न सिर्फ तुरंत कैश मिल जाता है, बल्कि आप अपने देश की इकोनॉमी को भी बढ़ा सकते हैं। पर्सनल लोन लेना तो आसान रहता है लेकिन यह लोन लेने में आपको इंटरेस्ट रेट अधिक चुकाना पड़ता है, क्योंकि यह सिक्योर्ड लोन की अपेक्षा बहुत अधिक होता है। ऐसे में पर्सनल लोग लेने वाले पर फाइनेंशियल बोझ बहुत अधिक बढ़ जाता है। अगर आप अपने इस बोझ को कम करना चाहते हैं, तो इस स्थिति में EMI को कम कर सकते है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि किस तरह से अपने फाइनेंशियल बोझ को कम करने के लिए EMI को कम किया जा सकता हैं।

मिनिमम अमाउंट ले

सबसे पहले तो जितना हो सके पर्सनल लोन लेने से बचना चाहिए। अगर किन्ही कारणों के चलते आपको मजबूरी वश पर्सनल लोन लेना पड़ता है, तो ऐसी स्थिति में आप लोन का सबसे कम अमाउंट ले, ताकि आपको कम EMI चुकानी पड़े। इसके साथ-साथ आप ऐसे लोन के ऑप्शन का चयन करें, जिसकी ब्याज दर बहुत ही कम हो, अगर ब्याज दर कम होगी तो आपको EMI भी कम चुकानी पड़ेगी।

स्टेप डाउन EMI ऑप्शन का करें चयन

यह ऑप्शन ऐसे लोगों के लिए बेहतर साबित होता है, जो रिटायरमेंट के बेहद करीब होते हैं या आगामी समय में उनकी आमदनी बहुत कम हो सकती है। जी हां अगर आप इस ऑप्शन का चयन करते हैं, तो लोन की EMI का पेमेंट प्रतिवर्ष घटता जाता है। जी हां इसके अंतर्गत शुरुआती सालों के दौरान तो आपको लोन का बड़ा अमाउंट और इंटरेस्ट रेट का हिस्सा चुकाना पड़ता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है आपकी EMI कम होती रहती है।

पार्शियल पेमेंट के ऑप्शन का करें चयन

अगर आपने पर्सनल लोन तो ले लिया है, लेकिन उसके फाइनेंशियल बोझ से परेशान है। अगर आप चाहते हैं कि आपके लोन का भार कम हो जाए, तो इसके लिए आपको लोन की 12 महीने की EMI को चुकाने के बाद एक बड़ी रकम के साथ पार्शियल पेमेंट कर देनी चाहिए। जी हां अगर आप ऐसा कर देंगे तो इस अमाउंट को सीधे आपके शेष अमाउंट से घटा दिया जाएगा। जब आपका प्रिंसिपल घट जाएगा तो ब्याज भी कम हो जाएगा और आपको EMI भी कम चुकानी पड़ेगी।

बैलेंस ट्रांसफर करें

अगर आपने पर्सनल लोन लिया है, और उस लोन अमाउंट पर आपको अधिक ब्याज चुकाना पड़ रहा है, तो आप किसी ऐसी बैंक की तलाश करिए जिस बैंक में आपको लंबे समय के लिए कम ब्याज दर पर लोन मिल सके। ऐसी बैंक में आप अपना लोन अमाउंट ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे आपको EMI भी कम चुकानी पड़ेगी। हालांकि अगर आप यह प्रक्रिया अपनाते हैं, तो आपको फोरक्लोजर फीस और प्रोसेसिंग शुल्क भी चुकाना पड़ सकता है।

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