भारतीय क्रिकेट (INDIA CRICKET TEAM) में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जो अपने टैलेंट के बावजूद टीम से बाहर हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ हो रहा है टीम इंडिया (TEAM INDIA) के विस्फोटक बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (PRITHVI SHAW) के साथ। महज 24 साल की उम्र में उनके करियर का अंत होते दिख रहा है।

टीम से बाहर चल रहे इस खिलाड़ी को पिछले तीन साल से चयनकर्ताओं से कोई समर्थन नहीं मिला है। उनकी बल्लेबाजी में महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर (SACHIN TENDULKAR) और वीरेंद्र सहवाग (VIRENDER SEHWAG) की झलक दिखती है, लेकिन फिर भी उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

बांग्लादेश के खिलाफ PRITHVI SHAW को नहीं मिला मौका

बीसीसीआई (BCCI) की चयन समिति ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज (T20I SERIES) के लिए टीम का ऐलान किया है। यह सीरीज 6 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 तक खेली जाएगी। हालांकि, इस सीरीज के लिए पृथ्वी शॉ (PRITHVI SHAW) को टीम में नहीं चुना गया, जो इस बात का संकेत है कि अब टीम में उनके लिए जगह नहीं है।

लगातार हो रही अनदेखी

पृथ्वी शॉ (PRITHVI SHAW) उन खिलाड़ियों में से हैं जो अकेले दम पर मैच का रुख बदलने की काबिलियत रखते हैं। लेकिन इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम में मौका नहीं दिया। पिछले तीन सालों से उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे सवाल उठने लगे हैं। शॉ ने 5 टेस्ट मैचों में 339 रन बनाए हैं, जिसमें 1 शतक और 2 अर्धशतक शामिल हैं। उनका टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 134 रन रहा है।

रणजी ट्रॉफी में यादगार पारी

11 जनवरी 2023 को रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ खेली गई उनकी 379 रन की पारी को भला कौन भूल सकता है? उन्होंने 383 गेंदों पर यह विशाल स्कोर खड़ा किया था, जिसमें 49 चौके और 4 छक्के शामिल थे। इतनी शानदार फॉर्म और प्रतिभा के बावजूद उन्हें टीम इंडिया में मौका न मिलना सवाल खड़े करता है। शॉ की बल्लेबाजी इतनी खतरनाक है कि विपक्षी गेंदबाज उनकी आक्रामकता से बचने की कोशिश करते हैं।

तीनों फॉर्मेट में खेल चुके हैं शॉ

पृथ्वी शॉ (PRITHVI SHAW) भारत के लिए तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी20) में खेल चुके हैं, लेकिन अब सभी फॉर्मेट्स में उनकी जगह छिन चुकी है। शॉ ने 6 वनडे मैचों में 189 रन बनाए हैं और केवल 1 टी20 इंटरनेशनल मैच खेला है, जिसमें वह शून्य पर आउट हो गए थे। आईपीएल में उन्होंने 79 मैचों में 1892 रन बनाए हैं। उनके फर्स्ट क्लास करियर में 55 मैचों में 4417 रन शामिल हैं, जिसमें 13 शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं।

दिखती थी सचिन और सहवाग की झलक

पृथ्वी शॉ (PRITHVI SHAW) की बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की शैली की झलक मिलती है। उनके आक्रामक खेल में ये दोनों दिग्गज खिलाड़ियों का मिश्रण दिखता है। शॉ भी सहवाग और सचिन की तरह पारी की शुरुआत से ही गेंदबाजों पर हावी हो जाते हैं।

पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री भी कह चुके हैं कि शॉ की बल्लेबाजी में सहवाग, सचिन और ब्रायन लारा की झलक दिखाई देती है। अगर उन्हें पर्याप्त मौके मिलें, तो वह दुनिया के किसी भी मैदान पर रन बनाने में सक्षम हैं।

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