Ratan Tata : भारत और दुनिया के जाने-माने बिजनेसमैन रतन टाटा (Ratan Tata) का बीते बुधवार को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह न सिर्फ बड़े उद्योगपति बल्कि एक समाज सेवक और बहुत ही विनम्र स्वभाव वाले व्यक्ति थे। हालांकि वह अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर बहुत अधिक बात नहीं करते थे, लेकिन वह जीवन भर कुंवारे रहे और शादी के बारे में कभी नहीं सोचा, इससे जुड़ा एक ऐसा किस्सा सामने आया, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

Ratan Tata ने क्यों नहीं की शादी

अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर रतन टाटा (Ratan Tata) ने कभी कुछ ज्यादा नहीं कहा, लेकिन कुछ मौको पर उन्होंने अपने परिवार और प्रेमिकाओं को लेकर कुछ बातों का खुलासा किया। जी हां उनके पहले प्यार का किस्सा 1962 के भारत चीन के युद्ध से जुड़ा है, इसी जंग के कारण उनकी शादी नहीं हो सकी और वह आजीवन कुंवारे रह गए। रतन टाटा ने इस बात का खुलासा खुद किया।

जी हां साल 2020 में लोकप्रिय फेसबुक पेज ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ हुए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी प्रेम कहानी के बारे बताया। रतन टाटा ने अमेरिका के कार्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर की डिग्री हासिल की, और कॉलेज खत्म होने के बाद उनकी लॉस एंजिल्स की एक आर्किटेक्चर कंपनी में नौकरी भी लग गई, जहां उन्होंने 2 सालों तक काम किया।

रतन टाटा को हुआ प्यार

अमेरिका में ही रतन टाटा (Ratan Tata) की मुलाकात एक ऐसी महिला से हुई, जिसे वह अपना दिल दे बैठे। यह रतन टाटा का पहला प्यार था, जिसके साथ वह अपना घर बसाने तक के सपने संजोने लगे। अगर बात खुद रतन टाटा के शब्दों में कहीं जाए तो

"यह बहुत अच्छा वक्त था। मौसम बहुत अच्छा था। मेरे पास कार थी और मुझे अपनी नौकरी बहुत पसंद थी।"

लेकिन इसी बीच उनकी दादी नवाज़ बाई की तबीयत बिगड़ गई और अपनी बीमार दादी की देखभाल के लिए उन्हें भारत लौटना पड़ा। लगभग पिछले 7 सालों से उनकी दादी की तबीयत खराब चल रही थी।

भारत चीन का युद्ध बना शादी न होने का कारण

रतन टाटा (Ratan Tata) अपनी दादी को बहुत प्यार करते थे और वह दादी के बहुत ही चहेते भी थे, क्योंकि उनकी दादी उन्हें हमेशा सपोर्ट करती रहती थी। रतन टाटा ने इस बात का खुलासा खुद किया कि उनका मन पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने का था जबकि उनके पिता उन्हें UK भेजने में इंटरेस्टेड थे। ऐसी सिचुएशन में दादी ने ही उनकी सहायता की और उन्हीं की वजह से उनके पिता रतन टाटा को US भेजने के लिए तैयार हो गए।

जब रतन टाटा (Ratan Tata) भारत लौट रहे थे, तो वह अपनी प्रेमिका से मिलने भी गए और उसे भारत चलने को कहा। इसी समय भारत और चीन के बीच युद्ध छिड़ा हुआ था। 1962 के भारत चीन के युद्ध के कारण ही उस महिला के माता-पिता ने उसे भारत जाने की इजाजत नहीं दी और रतन टाटा को अकेले ही वापस लौटना पड़ा। यही से उनकी प्रेम कहानी समाप्त हो गई अब तक यह रहस्य ही है कि आखिर यह महिला कौन थी जिससे रतन टाटा को पहला प्यार और आखिरी प्यार हुआ था।

इसके बाद रतन टाटा ने अपने आप को सिर्फ काम में व्यस्त कर लिया और फिर उन्होंने न ही प्यार की तलाश की, और ना ही शादी ही की। उन्होंने अपने जीवन को सिर्फ टाटा ग्रुप के नाम कर दिया और उन्हीं की कड़ी मेहनत की वजह से आज टाटा ग्रुप का परचम देश-विदेश तक फहरा रहा है।

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