भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन लेने वाले करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत प्रदान की है, जी हां बहुत से ग्राहकों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए आरबीआई (RBI) ने कुछ अहम कदम उठाए हैं। सभी बैंकों और सभी फाइनेंस कंपनियों को आरबीआई की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं, कि अब उन्हें नए नियमों के अंतर्गत ही लोन देना होगा, जिससे वह लोन देते समय ग्राहकों से किसी भी शर्त को छिपा नहीं पाएंगे।

RBI के नियम जारी करने के अहम उद्देश्य

आरबीआई (RBI) ने ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए यह अहम कदम उठाया है, इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में पारदर्शिता को बढ़ाना है। जी हां अब सभी बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को लोन देते समय ग्राहकों को सभी जरूरी डिटेल्स प्रदान करने होंगे, जिससे ग्राहकों से कोई भी जानकारी छिपी ना रह सके। इस नियम का मुख्य उद्देश्य है।

1- ग्राहकों को लोन संबंधित सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करना

2- ग्राहकों को ब्याज के साथ-साथ अन्य छिपी हुई लागत के बारे में भी बताना।

3- इसके अतिरिक्त रिकवरी एजेंट पर पॉलिसी शिकायतों के लिए कांटेक्ट डिटेल्स और दूसरों को लोन बेचे जाने की संभावना की डिटेल्स भी ग्राहकों को देनी होगी जिससे उन्हें बेहतर निर्णय लेने में सहायता मिल सके।

ग्राहकों को विभिन्न जानकारी देना

रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियमानुसार सभी बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को ग्राहकों को सभी जानकारियां शेयर करनी होगी आइए जानते हैं वह कौन सी जानकारी है।

1. ब्याज दर
2. अन्य छिपी हुई लागतें
3. सभी प्रकार की फीस
4. वार्षिक लागत (एनुअल कॉस्ट)
5. रिकवरी एजेंटों पर पॉलिसी
6. शिकायतों के लिए संपर्क विवरण
7. लोन बेचे जाने की संभावना की जानकारी

एनुअल परसेंटेज रेट (APR)

आरबीआई (RBI) द्वारा जारी इस नए नियम में पहली बार ग्राहकों के लिए एनुअल परसेंटेज रेट (APR) की अवधारणा को दर्शाया गया है, जोकि ग्राहकों के लिए लोन की कुल वार्षिक लागत बताता है। इस एनुअल परसेंटेज रेट में ब्याज दर, अन्य शुल्क और थर्ड पार्टी सेवा प्रदाताओं के चार्ज शामिल किए गए हैं।

APR से ग्राहकों को फायदा

एनुअल परसेंटेज रेट (APR) का यह नियम ग्राहकों के लिए बहुत अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि इससे ग्राहकों को..

1- विभिन्न प्रकार के ऋणदाताओं के बीच तुलना करने में सहायता मिलती है।

2- ग्राहकों को लोन की वास्तविक लागत का भी पता चलता है।

3- छिपी हुई लागत को समझने में भी ग्राहकों को काफी सहायता मिलती है।

कब से लागू हुआ नया नियम

आरबीआई (RBI) का यह नया नियम 1 दिसंबर 2023 से ही लागू हो गया था, जिसका अहम उद्देश्य लोन लेने वाले ग्राहकों के हित को ध्यान में रखकर काम करना है, जिसके चलते सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इस नियम का पालन करना अनिवार्य होगा।

किस लोन पर होंगे लागू

आरबीआई का यह नियम निम्नलिखित लोन पर लागू किया जाएगा।

1. व्यक्तिगत लोन
2. छोटे व्यवसायों के लिए लोन (MSME लोन)
3. नए रिटेल लोन
4. मौजूदा ग्राहकों को दिए जाने वाले नए लोन

RBI के अहम कदम

ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए आरबीआई 2015 से ही लोन प्रक्रिया में सुधार करने की लगातार कोशिश में लगा हुआ है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं
1. 2022 में माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के लिए नियम संशोधित किए गए
2. 2022 में ही डिजिटल लेंडर्स के लिए भी नियम बदले गए
3. 2023 की मौद्रिक नीति में मुख्य तथ्य विवरण (Key Fact Statement) की आवश्यकता पर जोर दिया गया

ग्राहकों पर इन नियमों का प्रभाव

आरबीआई (RBI) द्वारा जारी किया गया यह नियम करोड़ों ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत के समान है, जिसमें न केवल लोगों के सामने लोन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी बल्कि अपने वित्तीय फैसले लेने में भी काफी सहायता मिलेगी। भारतीय वित्तीय क्षेत्र में आरबीआई द्वारा उठाया गया यह कदम ग्राहक सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि नए नियम से ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

1. ग्राहकों को लोन की सही लागत का पता चलेगा
2. विभिन्न बैंकों और संस्थानों के बीच तुलना करना आसान होगा
3. अनुचित प्रथाओं पर रोक लगेगी
4. ग्राहकों को बेहतर वित्तीय निर्णय लेने में मदद मिलेगी

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