RBI New Rule : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लोन से जुड़े कुछ नए नियमों का ऐलान किया है। आरबीआई (RBI) के यह नए नियम लोन न चुकाने वाले लोगों और बैंक दोनों के लिए काफी अहम है। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य लोन लेने वाले लोगों को राहत देना और बैंकों द्वारा अनुचित वसूली प्रथाओं पर रोक लगाना है।
जी हां मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ी मात्रा में लोन लेने वाले व्यक्तियों और बैंकों से निपटने के लिए कुछ नए नियम जारी किए। इस नियम के अंतर्गत जो भी बैंक, गैर बैंकिंग, वित्तीय कंपनियां (NBFC) 25 लाख या उससे अधिक की बकाया राशि लेती है, और सक्षम होने के बावजूद वह जानबूझकर लोन नहीं चुका रहे हैं, तो ऐसे लोगों को बैंक 6 महीने में डिफाल्टर घोषित करें।
वहीं सरकार ऐसे लोगों पर आपराधिक कार्रवाई भी करेगी। इसके अतिरिक्त उन्हें 6 महीने में ही गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) खातों में विल्फुल डिफॉल्टर्स की जांच करना होगा।
विल्फुल डिफॉल्टर्स कौन
आखिर प्रश्न उठता है कि विल्फुल डिफॉल्टर्स किसे कहते हैं। जी हां तो इसका तात्पर्य एक ऐसे कर्जदार या गारंटर से है जो लोन तो ले लेता है लेकिन जानबूझकर लोन और कर्ज नहीं चुकाता। उसकी बकाया राशि 25 लाख से अधिक हो चुकी हो, ऐसे लोगों को ही इस श्रेणी में रखा जाता है। RBI के निर्देशानुसार विल्फुल डिफॉल्टर्स के सभी सबूतों की जांच के लिए एक पहचान समिति होगी जो इनकी जांच करेगी।
बैंकों को भी करनी होगी जांच
नियमों के अंतर्गत RBI ने कहा कि
“बैंक 25 लाख रुपये और उससे अधिक की बकाया राशि वाले सभी NPA खातों में ‘विलफुल डिफॉल्टर्स’ की समय-समय पर जांच करेंगे।”
यदि आंतरिक प्रारंभिक जांच करने में किसी प्रकार की कोई त्रुटि पाई जाती है, तो फिर लोन लेने वाले व्यक्ति के खाते को गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) के रूप में परिभाषित करने के 6 महीने के अंदर ही उधारकर्ता को जानबूझकर भूल करने का जिम्मेदार ठहराते हुए पूरी प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। इसके साथ-साथ रिजर्व बैंक ने अपने नियमों में आगे बताया कि लोन लेने वाले व्यक्तियों को इस संदर्भ में बिना किसी भेदभाव के बोर्ड अनुमोदित नीति तैयार करनी चाहिए।
RBI के नए नियम
आरबीआई (RBI) ने लोन लेने वाले व्यक्तियों के लिए नए जारी किए हैं, जिनमें बैंकों को पहले लोन डिफाल्टर को नोटिस भेजना होगा। नोटिस में ही लोनकर्ता को डिफॉल्ट की पूरी जानकारी देनी होगी। इसके साथ-साथ लोन अकाउंट स्टेटमेंट भी देना पड़ेगा। डिफॉल्टर को अपनी बात कहने का भी मौका अवश्य दिया जाएगा। बैंकों के द्वारा लोनकर्ता कि सीधे संपत्ति पर कब्जा नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ-साथ कानूनी प्रक्रिया का भी पालन करना होगा।
लेकिन आरबीआई (RBI) ने आगे बताया कि सक्षम होने के बावजूद लोन न चुकाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्ती भी बरती जाएगी। लोन लेने वाले व्यक्ति जिनके ऊपर 25 लाख रुपए से अधिक का लोन चढ़ा हुआ है, और वह लोन चुकाने में पूरी तरह से सक्षम है लेकिन बैंक का लोन जानबूझकर नहीं चुका रहे हैं तो ऐसे लोगों को बैंक द्वारा 6 महीने में डिफाल्टर घोषित किया जाएगा। इसके साथ-साथ इन लोगों पर सरकार की तरफ से आपराधिक कार्रवाई भी की जाएगी।