2000 Note RBI Update : रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को 2000 रूपए के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला लिया था, जिससे कि बड़े पैमाने पर फैले काले धन पर लगाम लगाई जा सके। इसके साथ-साथ सरकार का यह कदम नकली मुद्रा पर नियंत्रण पाने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी उठाया गया था।
लेकिन ₹2000 के नोटों को चलन से बाहर हुए अब 1 साल से भी अधिक का समय हो गया है, पर अब तक बैंक में पूरे नोटों की वापसी नहीं हो सकी है। जिसकी जानकारी खुद रिजर्व बैंक आफ इंडिया में दी है।
RBI ने बताया की 98.04 प्रतिशत बैंक नोट की वापसी बैंकिंग सिस्टम में हो चुकी है, लेकिन अभी भी जनता के पास 6,970 करोड रुपए के नोट मौजूद हैं। अब प्रश्न उठता है कि आखिर जनता ₹2000 के पूरे नोट क्यों नहीं वापस करना चाहती, आखिर इसके पीछे क्या कारण छुपा हुआ है।
मई 2023 में RBI ने नोटों को चलन से बाहर करने का लिया फैसला
RBI ने बताया कि 19 मई 2023 को ₹2000 के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला लिया गया। उस समय 3.56 लाख करोड़ रुपए मूल्य के ₹2000 के बैंक नोट चलन में थे। जिनका मूल्य 31 अक्टूबर 2024 को कारोबार बंद होने पर 6,970 करोड़ रुपए रह गया।
RBI ने अपने बयान में आगे बताया कि 19 मई 2023 तक चलन में चल रहे ₹2000 के 98.04% नोटों की वापसी हो चुकी है, लेकिन अभी बहुत से नोट जनता के पास मौजूद हैं। इन नोटों को बैंक में जमा करने और बदलने की सुविधा 7 अक्टूबर 2023 तक उपलब्ध थी, लेकिन अभी भी जो व्यक्ति किसी कारणवश नोट जमा नहीं करा सके हैं, वह रिजर्व बैंक के 19 रीजनल ऑफिस में जमा कर सकते हैं।
सरकार का मकसद देश में आर्थिक कमी को दूर करना
सरकार ने नोटबंदी का जो नियम लागू किया था, उसका मुख्य उद्देश्य देश से काले धन को दूर करना था। इसी के चलते नवंबर 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ₹2000 के नए नोट जारी किए गए। सरकार ने यह फैसला 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से हटाने के बाद लिया था, ताकि देश में पैसे की कमी ना हो सके।
RBI का कहना था कि जब किसी भी मूल्य वर्ग के नोट पर्याप्त मात्रा में मौजूद होंगे, तो फिर ₹2000 के नोटों की आवश्यकता अपने आप कम हो जाएगी। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए साल 2018-19 में ₹2000 के नोटों को छापना बंद कर दिया गया। साथ ही 19 मई 2023 को रिजर्व बैंक ने ₹2000 के नोटों को चलन से बाहर करने का भी फैसला ले लिया।
अभी तक क्यों नहीं हो सकी पूरे नोटों की वापसी
सरकार के पास इतने लंबे समय के अंतराल के बाद भी अब तक पूरे ₹2000 के नोट नहीं पहुंच सके है। इसके पीछे कोई बड़ा आधिकारिक कारण तो नहीं बताया जा रहा, लेकिन फिर भी उम्मीद जताई जा रही है, कि शायद ₹2000 के नोटों को कुछ लोग काले धन के रूप में एकत्रित कर सकते हैं। हो सकता है इन्हीं कारणों के चलते उन्हें बैंक में जमा नहीं कराना चाहते।
इसके साथ-साथ एक कारण यह भी हो सकता है कि 7 सालों के इस लंबे अंतराल के दौरान कुछ नोट फट गए हो या कहीं खो गए हो या खराब हो गए हो इन्हीं कारणों के चलते उन्हें बैंक में नहीं जमा कराया गया। इसके साथ-साथ यह भी माना जा रहा है कि भारत के कुछ लोग जो विदेशों में बसे हैं, हो सकता है कुछ नोट उनके पास भी हो और वह अभी अपने देश में किसी कारणवश ना आ सके हो, इन्हीं कारणों के चलते ₹2000 के नोटों को बैंक में जमा कराने में समय लग रहा है।
नोट बदलवाने का प्रोसेस
अभी भी जिन लोगों के पास ₹2000 के नोट हैं और उन्होंने उन्हे बैंक में जाकर नहीं बदलवाया है। वह यह नोट रिजर्व बैंक के 19 रीजनल ऑफिस में जाकर बदल सकते हैं।
कुल मिलाकर अब ₹2000 की नोटों की वापसी का कैंपेन अपने अंतिम चरण पर है, लेकिन अभी भी 6,970 करोड़ रुपए की राशि जनता के पास मौजूद है। जोकि सरकार और RBI के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह उठता है, कि क्या जनता ने इस कैंपेन को गंभीरता से लिया अथवा नहीं।
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