Ritesh Agarwal : OYO रूम्स के फाउंडर रितेश अग्रवाल (Ritesh Agrawal) ने असंभव को संभव कर दिखाया। पहले स्टार्टअप में असफलता हासिल करने के बावजूद रितेश अग्रवाल ने हिम्मत नहीं हारी और मात्र 21 साल की उम्र में करोड़ों की कंपनी के मालिक बन गए। जी हां रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal) 42.60 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर अपनी ही कंपनी के लिए 550 करोड़ रुपए के शेयर खरीदने का प्लान बना रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह भाव अगस्त 2024 में उनकी आखिरी खरीददारी से 45% अधिक है।
OYO में आखिरी फंडिंग के लिए रितेश अग्रवाल द्वारा 175 मिलियन डॉलर इकट्ठा किए, जिसके चलते सीईओ द्वारा 100 मिलियन डॉलर के शेयर खरीदे इसके साथ-साथ अन्य कई निजी निवेश को जैसे इनक्रेड वेल्थ, जे एंड ए पार्टनर्स - मैनकाइंड फार्मा प्रमोटर्स,एएसके फाइनेंशियल होल्डिंग्स और निवेशक आशीष कचोलिया द्वारा इस फडिंग राउंड में भाग लिया गया।
ईटी रिपोर्ट के मुताबिक नया स्टैक खरीदने के पीछे रितेश अग्रवाल का लक्ष्य कंपनी का बेसिक विस्तार और बिजनेस को बढ़ाना है। उनकी मौजूदा खरीदी को देखते हुए कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 30% से बढ़कर 32% हो जाएगी।
Ritesh Agarwal के कंपनी के मुनाफे में हुई बढ़ोतरी
OYO वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के दौरान 158 करोड़ रुपए का शुद्ध प्रॉफिट हासिल करने में कामयाब रही। जो पहले तिमाही के अंतर्गत 132 करोड़ रुपए था, इसमें वित्तीय वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान कंपनी का शुद्ध प्रॉफिट बढ़कर 291 करोड रुपए पहुंच गया,जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान 91 करोड़ का शुद्ध घाटा था।
OYO की कहानी बेहद दिलचस्प
अगर रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal) की बिजनेस जर्नी की बात की जाए तो वह बहुत ही दिलचस्प और इंटरेस्टेड रही। जी हां रितेश अग्रवाल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की तैयारी के बीच से ही बिजनेस करने का मन बनाया और यही से उन्होंने OYO की शुरुआत की थी। रितेश अग्रवाल ने महज ₹30 और हाथों में कुछ सिम कार्ड के दम पर व्यापार जगत में कदम रखा।
1993 में उड़ीसा के मारवाड़ी परिवार में जन्मे Ritesh Agarwal के पिता का कहना था कि उनका बेटा इंजीनियर बनेगा। इसलिए उन्हें पढ़ने के लिए कोटा भेज दिया गया। रितेश अग्रवाल का मन वहां नहीं लगा और वह दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ अपना कुछ काम भी शुरू कर दिया। उस समय उनकी जेब में मात्र ₹30 ही थे और हाथों में कुछ सिम कार्ड।
रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal) ने दिल्ली में मस्जिद मोठ रोड पर घूम घूम कर सिम कार्ड बेंचना स्टार्ट कर दिया। पढ़ाई से समय निकालकर रितेश यह काम कर रहे थे। साल 2013 में रितेश का चयन थिएल फेलोशिप के लिए किया गया, जिससे उन्हें लगभग 75 लाख रुपए मिलने थे। इन्हीं पैसों से रितेश अग्रवाल ने OYO रूम्स की शुरुआत कर दी।
इसके बाद जब रितेश अग्रवाल दिल्ली आए तो उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी हालांकि अपने घर वालों से उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया। दिल्ली में अपना खर्चा निकालने के लिए रितेश सिम कार्ड तक बेंचने से पीछे नहीं हटे। किसी समय रितेश अग्रवाल के पास बैंक अकाउंट में मात्र ₹30 ही शेष थे लेकिन आज बिजनेस के लिए वह थिएल फेलोशिप के अंतर्गत 1 लाख डॉलर की फंडिंग मिल गई है।
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