Kris Gopalakrishnan: भारत की अग्रणी कंपनियों में से एक इंफोसिस के को-फाउंडर और पद्म भूषण क्रिस गोपालकृष्णन (Kris Gopalakrishnan) मुश्किलों में घिर गए हैं। दरअसल उनपर एससीएसटी एक्ट के तहत पुलिस केस दर्ज हुआ। क्रिस उन 18 लोगों में शामिल हैं, जिनपर कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित थाने में मुकदमा हुआ है।
दरअसल इनपर आरोप है कि उन्होंने हनी ट्रैप के झूठे केस में फंसाने के साथ जातिसूचक गालियां दी हैं। शिकायतकर्ता भारतीय विज्ञान संस्थान में सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में फैकल्टी मेंबर हैं। उनका नाम दुर्गाप्पा है। आगे इस आर्टिकल में हम विस्तार से पूरा मामला बताने वाले हैं।
Kris Gopalakrishnan समेत 18 लोगों पर गंभीर आरोप
दरअसल आदिवासी बोवी समुदाय से आने वाले दुर्गाप्पा का कहना है कि क्रिस गोपालकृष्णन और भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व डायरेक्टर बलराम के अलावा अन्य 16 लोगों ने उन्हें झूठे केस में फंसाया। इसके बाद इस केस को आधार बनाकर उनसे नौकरी छीन ली। यह मामला साल 2014 का है। यही नहीं दुर्गाप्पा ये यह भी दावा किया है कि कथित लोगों ने उन्हें जातिसूचक गालियां देने के अलावा जान से मारने की भी धमकी दी।
आरोपियों की सूची में जो नाम शूमार हैं उनमें- गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैह, हरि केवीएस, दासप्पा, बलराम पी, हेमलता मिशी, चट्टोपध्याय के, प्रदीप डी सावरकर और मनोहरन शामिल हैं। कर्नाटक पुलिस ने दुर्गाप्पा की शिकायत पर फौरन कारवाई करते हुए 71वें सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट के निर्देश पर बेंगलुरु में सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में क्रिस गोपालकृष्णन पर केस दर्ज कर लिया है।
पद्म भूषण से सम्मानित हो चुके हैं क्रिस गोपालकृष्णन
सन् 1981 में क्रिस गोपालकृष्णन ने नारायण मूर्ति व अन्य पांच दोस्तों के साथ मिलकर पुणे में इंफोसिस की स्थापना की थी। गोपालकृष्णन 2007 से लेकर 2011 तक इस कंपनी के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्यरत रहे। भारत सरकार ने देश के लिए उनके दिए गए योगदानों को ध्यान में रखते हुए 2011 में ही उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया।
पिछले साल फोर्ब्स मैगजीन ने भारत के 100 सबसे अमीर शख्स की सूची जारी की थी, उसमें क्रिस का नाम 73वें पायदान पर था। इंफोसिस के को-फाउंडर की नेट वर्थ 26,000 करोड़ बताई गई।