Success Story : अगर जीवन में इंसान कुछ भी करने का ठान लेता है, तो फिर उम्र भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। जी हां 45 वर्ष की उम्र ऐसी ही उम्र होती है, जब इंसान बुढ़ापे की तरफ बढ़ रहा होता है। इस उम्र में लोग कुछ नया करने का नहीं सोचते, बल्कि उनके पास जो और जितना है, उतने में ही वह खुश रहते हैं। लेकिन आज हम आपको इस आर्टिकल में एक ऐसी ही महिला की कहानी सुनाएंगे, जिन्होंने जीवन के सबसे कठिन दौर से होकर गुजरने के बाद 45 वर्ष की आयु में एक बड़ा बिजनेस खड़ा किया। जी हां आज इस बिजनेस की वैल्यू 8000 करोड रुपए से भी अधिक की है।
कौन है वह महिला
यहां जिस महिला के बारे में बात की जा रही है, वह कोई और नहीं बल्कि फॉरेस्ट एफिशिएंसी ब्रांड की फाउंडर मीरा कुलकर्णी है, जिन्होंने अपने जीवन के संघर्ष को झेलते हुए कुछ ऐसा कर दिखाया कि लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए। यहां उनके जिस बिजनेस के बारे में बात की जा रही है, वह एक स्किन केयर प्रोडक्ट बनाने वाले कंपनी है। जी हां मीरा की यह कंपनी पूरी तरह से आयुर्वेदिक है। इसके साथ-साथ उनकी यह कंपनी अपनी स्थिति इतनी मजबूत बनाने में कामयाब रही, कि अन्य बड़ी-बड़ी कंपनियों के होश उड़ गए।
शादी के बाद आंई बहुत सी कठिनाइयां
1958 में उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल में जन्मी मीरा कुलकर्णी की शुरुआती पढ़ाई शिमला के लोरेटो कॉन्वेंट से पूरी हुई। फिर वह चेन्नई के स्टेला मैरिज कॉलेज से फाइन आर्ट्स में डिग्री हासिल करने में कामयाब रही। मात्र 20 साल की अवस्था में अपने माता-पिता की मर्जी से उन्होंने पढ़ाई छोड़कर शादी करने का फैसला कर लिया। उनके दो बच्चे समर्थ और दिव्या हुए, लेकिन उनकी शादी अधिक समय तक नहीं टिक सकी। शादी के कुछ सालों बाद ही अचानक उनके जीवन में तमाम कठिनाइयों आ गई। मात्र 28 वर्ष की अवस्था में मीरा कुलकर्णी ने अपने माता-पिता को खो दिया। उनके लिए यह बहुत ही मुश्किल की घड़ी थी। इस समय मीरा अकेली, असहाय और जिम्मेदारियां से घिर गई। उन्होंने इस संकट की परिस्थिति से निपटने के लिए अपने घर का एक हिस्सा किराए पर उठा दिया, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके।
सबसे पहले मोमबत्ती बनाने से की शुरुआत
आर्थिक परिस्थिति में सुधार करने के लिए मीरा ने मोमबत्ती बनाने पर विचार किया। बात 1999 की है जब बिजली जाने के कारण उन्हें मामबत्तियां जलानी पड़ रही थी। उस समय मोमबत्ती बहुत जल्दी-जल्दी खत्म हो रही थी, जिसके चलते वह उन्ही मोमबत्तियां को दोबारा गर्म करके नई मामबत्तियां बना रही थी। ऐसा करते-करते उनके मन में अचानक एक बिजनेस आइडिया ने जन्म लिया। कि क्यों ना मोमबत्ती बनाने का बिजनेस शुरू किया जाए, और 45 वर्ष की अवस्था में मात्र 2 लाख रुपए लगाकर उन्होंने इस बिजनेस को करने पर विचार किया। जी हां उन्होंने अपने इस छोटे से कारोबार को दो कर्मचारियों के साथ शुरू किया, और साल 2000 में उनकी कंपनी फॉरेस्ट एसोसिएशंस का जन्म हुआ।
इस काम के लिए उन्होंने अपने घर के गैराज को चुना, जिसमें उन्होंने इसका ऑफिस बनाया। फिर उन्होंने अपने बेटे की सलाह पर हैंडमेड साबुन का बिजनेस शुरू किया। वह टिहरी गढ़वाल की पहाड़ियों से 100% शुद्ध आयुर्वेदिक सामग्रियां इकट्ठा करती और उन्हीं से कई स्किन केयर प्रोडक्ट बनाती। उनके बनाए यह साबुन बहुत ही शुद्ध और आयुर्वेदिक थे। लेकिन कीमत अधिक होने के कारण मीरा को उनके बचने की चिंता लगी रहती। 3 सालों तक विचार करने के बाद उन्होंने फैसला कर लिया, कि वह क्वालिटी के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगी। और उन्होंने इन साबुन को अपने हाथ से बनाया, सुंदर और खास डिजाइन केसाथ।
हयात रीजेंसी के आर्डर ने बदल दी जिंदगी
मीरा कुलकर्णी का बिजनेस उस समय चल पड़ा, जब उन्हें हयात रीजेंसी से साबुन का बड़ा ऑर्डर मिला। जी हां जब किसी कंपनी को इतने बड़े होटल से ऑर्डर मिलने लगे, तो समझ लीजिए कि उसके प्रोडक्ट कितने अधिक खास होंगे। मीरा ने अपने बिजनेस को आगे बढ़ते हुए दिल्ली की खान मार्केट में साल 2003 में फॉरेस्ट संगठन का पहला स्टोर खोला। ग्राहकों ने उनके प्रोडक्ट को पहचाना और फिर धीरे-धीरे मीरा बॉडी पॉलिश, हेयर ऑयल ,और आगे डिफाइन सीरम जैसे और भी कई प्रोडक्ट बनाने लगी। उनका यह ब्रांड धीरे-धीरे अपने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट और हाई क्वालिटी के लिए पॉपुलर हो गया।
अमेरिकी कंपनी ने भी किया निवेश
मीरा की कंपनी के साल 2008 तक 'सात' स्टोर खुल चुके थे। इसी वर्ष अमेरिकी कॉस्मेटिक कंपनी 'एस्ते लीडर' द्वारा उनकी कंपनी में 7 करोड रुपए का निवेश किया गया। जिससे मीरा की कंपनी का कारोबार 100% पर जा पहुंचा। फिर अपने हरिद्वार के कारखाने को मीरा ने फार्मास्यूटिकल ग्रेड सर्टिफिकेट दिलाने के साथ भी और भी कई नए प्रोडक्ट लॉन्च किए। साल 2017 तक मीरा के फॉरेस्ट संगठन का राजस्व बढ़कर 170 करोड रुपए पर पहुंच गया। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि उनके कई प्रोडक्ट हरोड्स (यूके) और बर्गडॉर्फ गुडमैन (यूएस) जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रीमियम स्टोर्स में बिकने लगे।
अब 130 स्टोर, 120 देशों में एक्सपोर्ट
मीरा कुलकर्णी ने अपने जीवन में वह मुकाम हासिल किया है, जो किसी आम इंसान के बस में नहीं। आज फॉरेस्ट एफिशियंशियल के भारत में अब तक 130 स्टोर्स बन चुके हैं। लह 120 देशों में अपने प्रोडक्ट का आयात भी कर रही है। उनकी कंपनी के वार्षिक रेवेन्यू पर नजर डालें तो वह 432 करोड रुपए है इसके साथ-साथ इसका मूल्यांकन 8300 करोड रुपए तक पहुंच गया है। मीरा के प्रोडक्ट को न सिर्फ राष्ट्रपति भवन बल्कि लंदन के ताज 51 बकिंघम सुईट्स जैसे 190 हाई एंड होटल में प्रयोग किए जाते हैं।
यह सब उनकी कड़ी मेहनत और लगन का ही परिणाम है, कि आज मीरा अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हुए जीवन के ऐसे क्षेत्र पर जा पहुंची। जब उनकी कुल संपत्ति 1,290 करोड रुपए हैं। इसके साथ-साथ साल 2020 में मीरा को कोटक वेल्थ हुरून- लीडिंग वेल्दी वूमेन की लिस्ट में भी शामिल किया गया है। इसके साथ-साथ साल 2016 में वह ब्यूटी इंडस्ट्री में योगदान के लिए वॉग इंडिया ब्यूटी अवार्ड से भी सम्मानित हुई।
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