भारतीय क्रिकेट टीम ने पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराकर शानदार जीत दर्ज की। नियमित कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में, टीम इंडिया ने गेंद और बल्ले दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस जीत में जसप्रीत बुमराह, यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन डेब्यू करने वाले ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी ने भी अपनी छाप छोड़ी। दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने रेड्डी के प्रदर्शन की जमकर सराहना की।
नीतीश रेड्डी ने डेब्यू में दिखाया मैच अवेयरनेस
नीतीश कुमार रेड्डी ने पर्थ टेस्ट में 41 और नाबाद 38 रनों की पारी खेली, साथ ही गेंदबाजी में भी योगदान दिया। सुनील गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा, "रेड्डी ने अपने खेल में मैच की जरूरत के मुताबिक परिपक्वता दिखाई। उन्होंने ऐसा प्रदर्शन किया, जिससे महसूस ही नहीं हुआ कि वह डेब्यू कर रहे हैं। पहली पारी में मुश्किल हालात में उनका योगदान सराहनीय था। बल्लेबाजी के साथ-साथ उनकी गेंदबाजी और फील्डिंग भी टीम के लिए महत्वपूर्ण रही।"
रेड्डी को लेकर गावस्कर ने पहले सवाल उठाए थे, लेकिन अब उन्होंने इसे एक साहसिक फैसला बताया। उनके अनुसार, टीम प्रबंधन की यह नई सोच भविष्य में बड़े सितारे तैयार कर सकती है।
सुनील गावस्कर के बदले सुर
सुनील गावस्कर का यह बयान उनके पिछले आलोचनात्मक विचारों से बिल्कुल उलट था। पहले दिन उन्होंने रेड्डी को शामिल करने के फैसले पर सवाल उठाए थे, लेकिन उनके प्रदर्शन ने गावस्कर की राय बदल दी। यह पहली बार नहीं है जब गावस्कर ने अपने विचार बदले हों। इससे पहले, वॉशिंगटन सुंदर के चयन को लेकर भी उन्होंने आलोचना की थी, लेकिन शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपनी राय बदलते हुए कहा, "क्या प्रेरित करने वाला चयन है।"
टीम इंडिया की यह जीत न केवल खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि नए चेहरे भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की नींव रख रहे हैं।
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