भारत के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी को प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाया है। गावस्कर ने अपने एक कॉलम में BCCI के इस रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि भारत का प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट अब उपेक्षित हो गया है और इसका असर युवा खिलाड़ियों पर पड़ रहा है।

दक्षिण अफ्रीका दौरे को बताया गैर जरूरी

सुनील गावस्कर ने विशेष रूप से भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर सवाल उठाया, जहां भारतीय टीम को नवंबर में चार मैचों की टी20 सीरीज खेलनी है। उन्होंने इस दौरे को "गैरजरूरी" करार दिया। गावस्कर ने कहा कि यह सीरीज रणजी ट्रॉफी के बीच में आ रही है, जिसके कारण कई प्रमुख और युवा खिलाड़ी इस घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे क्रिकेट खेलने वाले देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वे कभी अपने राष्ट्रीय टूर्नामेंट के दौरान ए टीम के दौरे या अन्य कोई सीरीज आयोजित नहीं करते हैं।

गावस्कर ने इस बात पर जोर दिया कि आईपीएल के आने के बाद रणजी ट्रॉफी की अहमियत घट गई है और BCCI को इसे फिर से महत्व देने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में इस पर ध्यान दिया जाएगा, हालांकि उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या BCCI से इस दिशा में कोई ठोस बदलाव की उम्मीद करना सही है।

BCCI के घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी पर पड़ेगा प्रभाव

रणजी ट्रॉफी भारत का सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट है, जिसने कई महान क्रिकेटरों को निखारा है। लेकिन गावस्कर के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियों में रणजी ट्रॉफी को दरकिनार किया जा रहा है। भारतीय ए टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरा और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज के चलते लगभग 50 से 60 खिलाड़ी अपनी-अपनी राज्य की टीमों के लिए उपलब्ध नहीं हो सकेंगे। यह स्थिति रणजी ट्रॉफी के महत्व और उसके भविष्य पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।

गावस्कर ने अपने लेख में उम्मीद जताई कि आने वाले सत्रों में इस स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने BCCI से आग्रह किया कि वे इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को गंभीरता से लें और इसके प्रति अपने नजरिए को बदलें, ताकि भविष्य के क्रिकेट सितारों को सही मंच मिल सके।

ALSO READ : भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ हार ने WTC फाइनल के लिए बढ़ाई मुसीबतें, जानिए WTC अंक तालिका कितनी बदली