बेंगलुरु में खेले गए तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में न्यूजीलैंड ने Team India को आठ विकेट से हराकर सीरीज में 1-0 बढ़त हासिल की। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय भारत के लिए गलत साबित हुआ और इसका खामियाजा टीम को उठाना पड़ा। मैच के पहले दो दिन बारिश और नमी भरी पिच का फायदा कीवी तेज गेंदबाजों ने उठाया, जिससे भारतीय बल्लेबाज पहली पारी में मात्र 46 रन पर ढेर हो गए।

ये रही team India की रणनीतिक गलतियां

न्यूजीलैंड की टीम ने अपनी पहली पारी में 402 रन बनाकर भारत पर 356 रनों की विशाल बढ़त हासिल की। भारतीय गेंदबाजों में से सिराज और अन्य स्पिनर्स कुछ खास नहीं कर पाए, जबकि न्यूजीलैंड ने तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरकर भारतीय टीम की योजना को मात दी। भारतीय टीम ने तीन स्पिनर्स खिलाने का फैसला लिया, जो पिच और मौसम की स्थिति को देखते हुए गलत साबित हुआ। न्यूजीलैंड ने अपनी दूसरी पारी में आसानी से 107 रनों का लक्ष्य दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।

मैच में कप्तान रोहित शर्मा का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला आलोचनाओं का केंद्र बना। खासकर तब जब न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लाथम ने भी कहा कि अगर वह टॉस जीतते तो पहले गेंदबाजी चुनते। बेंगलुरु की पिच पर नमी और स्विंग का फायदा कीवी गेंदबाजों ने बेहतरीन तरीके से उठाया और भारतीय बल्लेबाजों को दबाव में डाल दिया। भारतीय टीम में तेज गेंदबाजों की कमी भी साफ दिखाई दी, जिससे कीवी टीम ने बड़ी बढ़त हासिल की।

सिराज और राहुल का खराब प्रदर्शन

तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का फॉर्म इस साल उतना प्रभावशाली नहीं रहा है। उन्होंने इस साल 16 पारियों में केवल 19 विकेट लिए हैं, और उनका स्ट्राइक रेट भी 47.7 का है। महत्वपूर्ण मौकों पर सिराज का विकेट न निकाल पाना भारत के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। दूसरी ओर, केएल राहुल का टेस्ट में लगातार खराब प्रदर्शन जारी है। 2024 में अब तक खेले गए पांच टेस्ट में राहुल ने सिर्फ 234 रन बनाए हैं, जिसमें उन्होंने सिर्फ दो अर्धशतक लगाए हैं। बेंगलुरु टेस्ट में राहुल पहली पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए, जबकि दूसरी पारी में जब टीम को जरूरत थी, तब उन्होंने मात्र 12 रन बनाए।

इस हार ने भारतीय टीम मैनेजमेंट और कप्तान रोहित शर्मा के फैसलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय टीम के पास वापसी का मौका है, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। तेज गेंदबाजों को सही तरीके से उपयोग करना और बल्लेबाजों को आत्मविश्वास के साथ खेलना जरूरी है। वहीं, अनुभवी खिलाड़ियों को अपनी भूमिका और प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा, क्योंकि अब सीरीज में बने रहने के लिए भारत को आने वाले मैचों में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।

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