ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज नाथन मैकस्वीनी ने जसप्रीत बुमराह की काबिलियत का सामना करते हुए अपनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट यात्रा शुरू की। हालांकि, बुमराह की घातक गेंदबाजी ने उन्हें शुरुआती झटके दिए, लेकिन मैकस्वीनी ने अपनी खेल शैली में सुधार करने का विश्वास व्यक्त किया है। आगामी तीसरे टेस्ट मैच में वह भारतीय तेज गेंदबाज के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं।

पर्थ टेस्ट में जसप्रीत बुमराह के सामने संघर्ष

नाथन मैकस्वीनी का अंतरराष्ट्रीय करियर पर्थ टेस्ट में कठिन चुनौती के साथ शुरू हुआ। जसप्रीत बुमराह ने उन्हें दोनों पारियों में आउट किया, जहां मैकस्वीनी ने 10 और शून्य का स्कोर बनाया। बुमराह ने पर्थ टेस्ट में कुल आठ विकेट झटके, जिससे वह सीरीज में भारत के सबसे सफल गेंदबाज बने।u

मैकस्वीनी ने स्वीकार किया कि अपने करियर की शुरुआत में बुमराह जैसे विश्व स्तरीय गेंदबाज का सामना करना आसान नहीं था। उन्होंने कहा, "उनकी गेंदबाजी बेजोड़ है और उन्होंने मुझे दोनों पारियों में शानदार ढंग से आउट किया।"

एडिलेड में आत्मविश्वास हासिल किया

एडिलेड में गुलाबी गेंद के टेस्ट में मैकस्वीनी ने 39 और नाबाद 10 रनों की पारी खेली। उनके प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलिया को 10 विकेट से जीत दिलाने में योगदान दिया और सीरीज को 1-1 से बराबरी पर लाया। इस दौरान उन्होंने मार्नस लाबुशेन के साथ 67 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की।

मैकस्वीनी ने कहा, "एडिलेड में खेलते हुए मैंने बुमराह के खिलाफ थोड़ा आत्मविश्वास प्राप्त किया। मैंने उनकी गेंदों को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश की और अपनी रणनीति पर भरोसा बनाए रखा।"

आने वाले टेस्ट में सुधार की उम्मीद

अब गाबा में होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले मैकस्वीनी ने कहा कि वह बुमराह का अधिक सामना कर उनके खिलाफ अपनी तकनीक को मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "जितना अधिक मैं उनके खिलाफ खेलूंगा, उतना ही सहज हो जाऊंगा। उम्मीद है कि मैं यहां कुछ बेहतर रन बना पाऊंगा।"

मैकस्वीनी ने बुमराह की प्रशंसा करते हुए उन्हें "विश्व स्तरीय" और "बेजोड़" गेंदबाज बताया। उन्होंने कहा, "ऐसे शानदार गेंदबाज के खिलाफ खेलना मेरे लिए सीखने का अनुभव है।"

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