Top 5 Tax Saving Schemes : देश में लोग इनकम टैक्स (Income Tax) बचाने के लिए कई तरह के तरीकों की तलाश करते हैं। कई बार तो वह टैक्स बचाने के चक्कर में बड़ी गलती कर बैठते हैं और उन्हें भारी जुर्माना चुकाना पड़ता है। साल 2023-24 के लिए वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया जा चुका है। लोग इस बजट को लेकर टैक्स बचाने के नए-नए विकल्पों की खोज कर रहे हैं।

आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही वैध तरीके बताएंगे, जिससे आप आसानी से इनकम टैक्स देने से बच सकते हैं। यहां हम जिन तरीकों की बात कर रहे हैं, उनका लाभ आप पुरानी आयकर व्यवस्था के अंतर्गत ही कर सकते हैं। जो लोग अपना टैक्स बचाना चाहते हैं उन्हें पुरानी टैक्स व्यवस्था का चयन करना होगा।

1 अप्रैल 2023 से सरकार द्वारा नई आयकर व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें एक कमाने वाले व्यक्ति के लिए डिफ़ॉल्ट टैक्स व्यवस्था हो जाएगी। जी हां भारत सरकार की तरफ से इस बार नई टैक्स व्यवस्था की घोषणा की गई है, उसमें टैक्स पेयर्स को 7 लाख रुपए तक की कमाई पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं चुकाना होगा। पुरानी आयकर व्यवस्था में यह राशि ₹5 लाख हुआ करती थी, लेकिन अभी भी व्यक्ति अपनी सुविधानुसार टैक्स व्यवस्था का चयन कर सकता है।

टॉप - 5 Tax सेविंग स्कीम

एनपीएस

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) योजना के तहत एक कमाई करने वाले व्यक्ति को धारा 80 सीसीडी (1बी) के अंतर्गत अतिरिक्त ₹50,000 की Tax छूट दी जाती है। अगर किसी एक परिवार के एक कमाने वाले व्यक्ति ने अपनी 1.50 लाख प्रतिवर्ष की निवेश सीमा को समाप्त कर लिया है, तो वह एनपीएस खाते में अपने निवेश पर आयकर छूट का दावा कर सकता है। इस योजना के अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपए तक के निवेश पर आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम

आयकर अधिनियम की धारा 80डी के अंतर्गत एक टैक्स पेयर्स द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस पर भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है। एक वित्तीय वर्ष में यह छूट 25,000 से ₹1लाख तक की होती है। 60 वर्ष से कम आयु का होने पर टैक्स पेयर 25,000 तक के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है।

अगर किसी टैक्स पेयर्स के माता-पिता भी 60 वर्ष से कम आयु के हैं और वह अपने माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में भी वह₹25,000 तक के हेल्थ इंश्योरेंस पर अतिरिक्त टैक्स छूट का दावा कर सकता है। माता-पिता के वरिष्ठ होने पर यह राशि सीमा बढ़ाकर ₹50,000 प्रतिवर्ष हो जाती है, लेकिन ध्यान रहे की माता-पिता और बच्चे दोनों एक ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर Tax छूट का दावा नहीं कर सकते हैं।

इसके लिए अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस होना आवश्यक है। इसके साथ-साथ अगर कोई टैक्स पेयर्स वरिष्ठ नागरिक है और वह अपने साथ-साथ माता-पिता के लिए भी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में वह धारा 80डी के अंतर्गत अपने और माता-पिता दोनों का मिलाकर ₹1 लाख तक की टैक्स छूट का क्लेम कर सकता है।

होम लोन पर Tax छूट

अगर कोई टैक्स पेयर्स होम लोन EMI का भुगतान कर रहा है, तो वह भुगतान किए गए होम लोन ब्याज पर ₹2 लाख तक की टैक्स छूट का दावा कर सकता है, लेकिन होम लोन लेने वाले व्यक्ति को यूनिट में रहना चाहिए।

सेविंग अकाउंट में जमा पर ब्याज

सेविंग अकाउंट होल्डर्स धारा 80TTA के अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष में ₹10,000 तक के ब्याज पर TDS छूट का दावा कर सकता है। यह छूट की राशि सभी बैंक सेविंग अकाउंट्स पर लागू है, इसलिए अगर किसी टैक्स पेयर्स के एक से अधिक सेविंग अकाउंट्स है तो उसे सभी खातों के संपूर्ण बचत खाता के ब्याज की गणना को ध्यान में रखना होगा। वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए 80TTB के अंतर्गत यह टेक्स सीमा ₹50,000 है।

चैरिटेबल संस्थाओं को दान देने पर

धारा 80CCC के अंतर्गत अगर किसी टैक्सपेयर्स द्वारा किसी सीक्रेट चैरिटेबल संस्थान में दान का भुगतान किया गया है, तो ऐसी स्थिति में वह Tax छूट का दावा कर सकता है। अगर आपने नकद में दान किया है तो यह सीमा ₹2000 होनी चाहिए। 2000 से अधिक का दान करने पर आपको बैंक चेक के माध्यम से ही भुगतान करना होगा.

इसके साथ-साथ आपको ट्रस्ट द्वारा उसके पते के साथ साथ दान की मोहर लगी रसीद भी देनी होगी, जिस पर लिखे ट्रस्ट के नाम के साथ-साथ पैन कार्ड के बारे में भी जानकारी दी गई हो। तब आप कहीं Tax छूट का दावा कर सकते हैं।

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