TRAI : आजकल इंटरनेट का जमाना है, जी हां जैसे-जैसे इंटरनेट और स्मार्टफोन का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे हमारे सामने कई बडी चुनौतियां भी खड़ी हो रही है। जी हां जहां इंटरनेट और स्मार्टफोन आज हमारे विभिन्न कार्यो को आसान बनाने का सहायक यंत्र माने जाते है, वही इससे स्कैमर्स और साइबर क्रिमिनल्स को भी बढ़ावा मिल रहा है।
जी हां यह साइबर क्रिमिनल्स आए दिन पब्लिक को ठगने के नए-नए तरीके निकालते रहते हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा लोगों को स्कैमर्स और ऑनलाइन फ्रॉड जैसे खतरों से बचाने के लिए पिछले कुछ समय के दौरान बहुत से प्रयास किए हैं। अभी हाल ही में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा भारत में लोगों को स्कैमर्स और साइबर क्रिमिनल्स से बचाने के लिए बहुत से कदम उठाए गए हैं।
जी हां सरकार द्वारा मासूम जनता को लगातार हो रहे ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों को ट्रेसबिलिटी लागू करने के निर्देश दिए थे। जोकि इस दिशा में एक बड़ा फैसला था। ट्राई द्वारा अगस्त में ही कमर्शियल मैसेज और ओटीपी से जुड़े ट्रेसबिलिटी नियमों को लागू करने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए थे, जिसे लागू करने की तारीख में TRAI द्वारा कई बदलाव किए जा चुके हैं।
TRAI ने बढ़ाई समयावधि
पहले टेलीकॉम कंपनियां के पास टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) को ओटीपी मैसेज की ट्रेसबिलिटी लागू करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय था, लेकिन जिओ, एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और बीएसएनएल की मांग के बाद कंपनी द्वारा इसकी समय सीमा को 31 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। अब जब नवंबर में इसकी समय सीमा समाप्त होने का टाइम आ गया है तो टेलीकॉम कंपनियों को कमर्शियल मैसेज और ओटीपी मैसेज को ट्रैक करने के लिए ट्रेसबीलिटी नियमों को डेट बढ़ा दिया है और 11 दिसंबर कर दिया है.
OTP आने में लग सकता है समय
कमर्शियल मैसेज पर लगाम लगाने के लिए सरकार की तरफ से ऐसा किया जा रहा है। ऐसे बहुत से मैसेज होते हैं, जिनमें ओटीपी का एक्सेस हासिल कर लिया जाता है। जिससे यूजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। टेलिकॉम ऑपरेटर एयरटेल, वोडाफोन, जिओ द्वारा मैसेज ब्लॉक करने में अपनी परेशानियों के बारे में बताया गया, क्योंकि बहुत सारे टेली मार्केटर इस बात के लिए तैयार नहीं थे इन्हीं कारणों से TRAI द्वारा इस मामले को गंभीरता से लिया गया था।
अगर जिओ, एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और बीएसएनएल 11 दिसंबर से इस ट्रेसबिलिटी नियम को लागू करते हैं तो फिर ओटीपी मैसेज आने में थोड़ा समय लग सकता है। अब ऐसी सिचुएशन में अगर आप बैंक या रिजर्वेशन जैसे किसी काम को करते हैं, तो आपको OTP मिलने में थोड़ा टाइम अवश्य लगा सकता है। TRAI की तरफ से फेक ओटीपी मैसेज को रोकने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।
जी हां क्योंकि OTP मैसेज के माध्यम से स्कैमर्स लोगों की डिवाइस का एक्सेस पा जाते हैं ,जिससे लोगों को नुकसान झेलना पड़ता है। TRAI द्वारा सभी टेलीकॉम कंपनियों को इसे सख्ती के साथ लागू करने का ऐलान किया गया है।