बॉलीवुड अभिनेता Vikrant Massey इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' को लेकर सुर्खियों में हैं, लेकिन फिल्म के प्रमोशन के दौरान उनके एक विवादित बयान ने उन्हें ट्रोल्स का शिकार बना दिया। विक्रांत ने भारत को ब्रिटिश शासन से मिली 1947 की आज़ादी को 'तथाकथित' बताया, जिसके बाद उनका नाम कंगना रनौत से जुड़ने लगा। आइए जानते हैं विक्रांत के इस बयान की पूरी कहानी।

Vikrant Massey का बयान और उसका विवाद

हाल ही में Vikrant Massey ने एक पॉडकास्ट 'टॉप एंजल' में अपनी फिल्म और साबरमती कांड के बारे में बात करते हुए भारत की आज़ादी को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "भारत को सैकड़ों सालों तक मुगलों, डचों, फ्रांसीसियों और अंग्रेजों द्वारा उत्पीड़ित किया गया और फिर हमें एक 'सो-कॉल्ड' आज़ादी मिली। लेकिन क्या वह सचमुच आज़ादी थी? वह तो वही था, जो अंग्रेज़ छोड़कर गए थे, और हम उस ही में रह गए।" विक्रांत के इस बयान से लोग नाराज हो गए, और उन्हें कंगना रनौत के साथ जोड़ने लगे।

कंगना रनौत से हो रही तुलना

विक्रांत का बयान वायरल होते ही सोशल मीडिया पर उनकी कड़ी आलोचना शुरू हो गई। कई यूज़र्स ने उनकी तुलना कंगना रनौत से करनी शुरू कर दी, जिन्होंने पहले भी यह दावा किया था कि *"सच्ची आज़ादी 2014 में मिली"*, मोदी सरकार के बाद। कंगना के इस बयान को भी खूब विवादों का सामना करना पड़ा था। अब विक्रांत के बयान ने एक बार फिर इस चर्चा को हवा दे दी है। कुछ लोग विक्रांत के विचारों से सहमत भी हैं, जबकि अन्य उन्हें 1947 में मिली आज़ादी को सही मानते हैं और उनके बयान को नकारते हैं।

Vikrant ने आगे कहा कि आज का हिंदू अपने ही देश में अपनी पहचान की मांग कर रहा है, जो कि पहले कभी संभव नहीं था। उनका मानना है कि आज भी भारतीय समाज में पहचान और स्वाभिमान की कमी है।

इस विवाद पर विक्रांत की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनका यह बयान निश्चित रूप से एक नई बहस को जन्म दे चुका है।

Vikrant Massey का यह बयान भारतीय समाज और उसकी पहचान के सवालों को उठाता है, लेकिन उनके द्वारा 'तथाकथित आज़ादी' शब्द का इस्तेमाल विवादों को जन्म दे रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस मुद्दे पर उनका क्या रुख रहेगा और क्या यह मामला शांत होता है या और अधिक गर्माता है।

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