Viraj Bahal : 2013 में स्थापित "वीबा फूड सर्विसेज" (Veeba Food Services) के संस्थापक विराज बहल (Viraj Bahal) की जिंदगी का सफर कठिनाइयों से भरा था। जी हां विराज की प्रेरणादायक कहानी ऐसे लोगों के लिए एक बड़ी मिसाल है ,जो अपने दम पर कुछ बड़ा करने की सोचते हैं। जी हां विराज ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया। विराज को बचपन से ही अपने पिता के फूड प्रोसेसिंग बिजनेस से लगाव था, और वह इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने का सपना भी देख रहे थे। पर उनके पिता ने इस काम के लिए उनके सामने एक ऐसी शर्त रख दी, जो शायद असंभव थी।
जी हां विराज के पिता ने कहा कि विराज उस बिजनेस का हिस्सा तब तक नहीं बन सकते, जब तक वह खुद से ₹3 लाख रुपए महीने कमा कर नहीं दिखाते, यही से विराज के जीवन का संघर्ष शुरू हुआ।
Viraj Bahal ने पिता की शर्त को किया पूरा
विराज (Viraj Bahal) ने अपने पिता की शर्त को पूरा करने के लिए कठिन संघर्ष किया। जी हां 90 के दशक में किसी व्यक्ति के लिए ₹3 लाख कमाना बहुत बड़ी बात थी। हालांकि आज भी लोगों के लिए महीने की 1 लाख सैलेरी कमा पाना मुश्किल होता है। विराज ने अपने पिता की शर्त को पूरा करने के लिए अपनी पढ़ाई के साथ-साथ सिंगापुर की एक मर्चेंट नेवी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी।
वह अपने दृढ़ संकल्प पर डटे रहे और साल 2002 तक 3 लाख रुपए प्रति माह की कमाई करने लगे, इस प्रकार उन्होंने पिता की शर्त को पूरा कर दिया। शर्त पूरी होने के बाद विराज के पिता ने विराज को अपने फैमिली बिजनेस 'फन फूड्स' में एंट्री दे दी। विराज ने भी पूरी लगन से अपने फैमिली बिजनेस में काम किया, और 6 सालों के अंदर ही इसे एक सक्सेसफुल ब्रांड में बदल कर रख दिया।
Viraj Bahal ने की नई शुरुआत
Viraj Bahal के पिता राजीव बहल ने साल 2008 में अपनी कंपनी 'फन फूड्स' को जर्मनी की कंपनी डॉक्टर ओटकर (Dr. Oetker) को बेचने का फैसला किया लेकिन विराज को पिता का यह निर्णय स्वीकार नहीं था। उन्होंने अपने पिता के निर्णय को बदलने की पूरी कोशिश की, लेकिन पिता ने विराज की एक नहीं मानी, और परिवार के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 110 करोड़ रुपए की डील को स्वीकार कर लिया। विराज के लिए 'फन फूड्स' का बिकना एक बहुत बड़े झटके के समान था।
फिर भी Viraj Bahal ने हार नहीं मानी और कंपनी की बिक्री से मिले हिस्से का उपयोग करते हुए साल 2009 में अपना खुद का एक रेस्तरां खोला, जिसका नाम 'पॉकेट फुल' था। 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद भी विराज का यह रेस्तरां सक्सेस नहीं हो सका और उन्हें साल 2013 में यह बिजनेस बंद करना पड़ा। विराज ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी।
ऐसी कठिन परिस्थिति में विराज को अपनी पत्नी का पूरा सहयोग मिला और दोनों ने अपना घर बेचकर नया व्यापार शुरू करने का फैसला किया। इस बार विराज ने फिर से फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में कदम रखा और राजस्थान के नीमराना में "वीबा कंपनी" की स्थापना एक की।
Viraj Bahal के सामने कठिन चुनौतियां
विराज (Viraj Bahal) अपनी कंपनी "वीबा" (Veeba Food Services) को कडी प्रतिस्पर्धा से दूर रखना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपने बिजनेस मॉडल बी2बी रखा, ताकि उसमें पारिवारिक रिश्तों का कोई हस्तक्षेप ना हो सके। अपने इस बिजनेस को पूरा करने में उहे तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ा। महीनों तक तो उन्हें ऑर्डर ही नहीं मिले, लेकिन फिर भी उनके धैर्य और मेहनत ने कमाल कर दिखाया।
डीएसजी कंज्यूमर पार्टनर्स के दीपक शाहदादपुरी ने वीबा में निवेश किया। विराज को इस निवेश से काफी सहायता मिली। धीरे-धीरे यह कंपनी फास्ट फूड जैसे डोमिनोज, केएफसी और पिज़्ज़ा हट जैसे बड़े ग्राहकों को आकर्षित करने में कामयाब रहीं।
सफलता की तरफ अग्रसर वीबा
भारतीय बाजार में वीबा ने अपनी एक खास जगह बनाई। आज भारतीय सॉस और कंडिमेंट्स इंडस्ट्री में वीबा एक अग्रणी ब्रांड बन चुका है। वीबा के सभी उत्पादों में कम फैट और शुगर वाले स्वस्थ विकल्पों का विशेष ध्यान रखा गया है, जिससे उपभोक्ताओं के बीच इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ गई। निवेशकों ने भी इस कंपनी में अच्छा खासा निवेश किया है।
सामा कैपिटल और वर्लिनवेस्ट जैसी कंपनी द्वारा वीबा में 40 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। जिससे इसकी वैल्यू 400 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। 2019 तक वीबा का राजस्व 290 करोड रुपए पहुंच गया। इसके साथ ही इसमें 150 रुपए करोड़ का अतिरिक्त निवेश भी शामिल है। कॉविड-19 जैसे कठिन समय पर भी वीबा 700 शहरों, 28 डिपो और 1.5 लाख दुकानों तक फैल गई।
आज वीबा के 80 से अधिक प्रोडक्ट मौजूद
Viraj Bahal की कंपनी वीबा (Veeba Food Services) के पास 14 श्रेणियों में 80 से अधिक प्रोडक्ट मौजूद है। कंपनी की तरफ से बाजार में विभिन्न प्रकार के सॉस और कंडिमेंट्स की पेशकश की गई है, जिनमें से सभी का उद्देश्य उपभोक्ताओं की बदलती पसंद और जरूरत को पूरा करना है। आज वीबा बर्गर किंग, डोमिनोज, नॉनडोज और PVR जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर रही है।
विराज का कहना है कि
“सॉस किसी भी फास्ट फूड का असली हीरो होता है, और हमारे प्रयासों का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को सबसे बेहतरीन उत्पाद उपलब्ध कराना है.”
विराज बहल की मां और पत्नी
Viraj Bahal की पत्नी शिवांगी बहल के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है, लेकिन उनकी पत्नी बिजनेस में उनकी काफी सहायता करती हैं। इसके साथ ही विराज ने अपनी मां के नाम पर अपनी कंपनी का नाम 'वीबा' रखा जोकि विराज के जीवन और व्यवसाय में उनके परिवार के महत्व की विशेषता बताता है।
विराज बहल की नेटवर्थ
वीबा (Veeba Food Services) के संस्थापक विराज बहल आखिर कितनी संपत्ति के मालिक हैं ,इसकी अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। पिछले साल की एक रिपोर्ट के अनुसार विराज की कंपनी वित्त वर्ष 2023 -24 के लिए लगभग 1,000 करोड रुपए का रेवेन्यू हासिल करने की तरफ बढ़ते नजर आ रही है। कुछ निवेशको के अतिरिक्त कंपनी की बड़ी जिम्मेदारी विराज के कंधों पर ही है। अभी विराज की यह कंपनी लिस्टेड भी नहीं है।
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