विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार शतक लगाकर फॉर्म में वापसी की। यह शतक न केवल उनकी बल्लेबाजी के कौशल का प्रमाण है बल्कि आलोचकों के लिए करारा जवाब भी। इस साल की शुरुआत से ही विराट का टेस्ट प्रदर्शन सवालों के घेरे में था। 12 पारियों में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर केवल एक अर्धशतक था। पहली पारी में भी वह 5 रन बनाकर जोश हेजलवुड का शिकार हुए। लेकिन दूसरी पारी में विराट ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से हर किसी को चौंका दिया।

भारत के चौथे बल्लेबाज बने, 30 टेस्ट शतक लगाने वाले

तीसरे दिन के आखिरी सत्र में विराट कोहली ने अपना शतक पूरा किया। उन्होंने 143 गेंदों में 7 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 30वां टेस्ट शतक लगाया। यह शतक न केवल उनके लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी बेहद खास रहा। विराट ने अपने चिर-परिचित अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए दिखा दिया कि क्यों उन्हें आधुनिक क्रिकेट का महान बल्लेबाज माना जाता है।

विराट कोहली अब टेस्ट में 30 शतक लगाने वाले भारत के चौथे बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले यह उपलब्धि केवल सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने हासिल की है। विराट ने महान सर डॉन ब्रैडमैन (29 शतक) को भी पीछे छोड़ दिया है।

ऑस्ट्रेलिया में सबसे सफल भारतीय बल्लेबाज

इस शतक के साथ विराट कोहली ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर सबसे ज्यादा टेस्ट शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। यह उनका ऑस्ट्रेलिया में 7वां शतक है। उन्होंने सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ते हुए यह रिकॉर्ड अपने नाम किया। सचिन ने 38 पारियों में 6 शतक लगाए थे, जबकि विराट ने केवल 27 पारियों में 7 शतक जड़े हैं।

शतक का सूखा हुआ खत्म

विराट कोहली ने अपना पिछला टेस्ट शतक जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज दौरे पर लगाया था। इसके बाद 17 महीने का लंबा इंतजार रहा। 2019 तक उनके नाम 27 टेस्ट शतक थे, लेकिन उसके बाद से यह केवल तीसरा शतक है। न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद उनके टीम में बने रहने पर भी सवाल उठे थे।

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