CIBIL Score: जैसा की कहा जाता है कि अगर आप अपना CIBIL Score बेहतर रखना चाहते हैं, तो आपको लोन की EMI समय से भरनी चाहिए। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम लोन की EMI तो समय से चुका देते हैं, लेकिन फिर भी हमारा क्रेडिट स्कोर कम होने लगता है।लोगों को समझ नहीं आता कि आखिर इसके पीछे का क्या कारण है। दर असल लोन रीपमेंट के अतिरिक्त और भी बहुत से ऐसे फैक्टर हैं, जो आपके क्रेडिट स्कोर के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर आपने वहां कोई गलती कर दी, तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब होने लगता है। समझ लीजिए इसके बारे में विस्तृत जानकारी।

इन पांच कारणों से हो सकता है आपका सिबिल स्कोर कम


1. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो


अगर आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो गड़बड़ होगा, तो यह आपके सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर काफी असर डाल सकता है। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो से तात्पर्य है, कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट का आपने एक महीने में कितना प्रयोग किया है। आपके लिए इसे मेंटेन रखना बहुत आवश्यक है। CUR 30% से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर आपने प्रति महीने अपनी क्रेडिट कार्ड की लिमिट से अधिक खर्च किया है, तो इससे बैंक के पास यह मैसेज पहुंच जाता है, कि आप क्रेडिट कार्ड पर बहुत अधिक निर्भर हैं। जिसके चलते बैंक आपको क्रेडिट हंगरी समझने लगता है, और इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है।

2. बार-बार पर्सनल लोन लेना

अगर आप बार-बार पर्सनल लोन लेते हैं, तो इसका भी आपके क्रेडिट स्कोर पर काफी बुरा असर पड़ता है। जी हां आपने कितने अनसिक्योर्ड लोन और कितने सिक्योर्ड लोन पहले से लिए हैं। इससे आपका क्रेडिट मिक्स सामने आता है। पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आता है। अगर आप बार-बार पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के तौर पर अनसिक्योर्ड लोन लेते हैं, लेकिन सिक्योर्ड लोन आपने बहुत अधिक नहीं लिए हैं, तो इससे भी आपका क्रेडिट मिक्स गड़बड़ा जाता है। बैंक के पास मैसेज जाता है कि आपके पास फंड की कमी है और आप क्रेडिट पर काफी निर्भर है। इसका भी गहरा असर आपके सिविल स्कोर पर पड़ता है।

3. लोन गारंटर बनना

अगर कोई व्यक्ति लोन ले रहा है और आप उसके लोन गारंटर बने हैं, तो फिर आपके ऊपर उस लोन को समय से चुकाने की जिम्मेदारी आ जाती है। अगर किन्ही कारणों के चलते उधारकर्ता अपना लोन नहीं चुका पाता, तो उसके लोन की रकम गारंटर के क्रेडिट रिपोर्ट में लायबिलिटी के तौर पर नजर आती है। इसका काफी गहरा असर लोन गारंटर के सिविल स्कोर पर पड़ता है, और उसका सिविल स्कोर भी खराब होता है।


4. बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना

जब आप लोन के लिए किसी बैंक में आवेदन करते हैं, तो बैंक या अन्य लोन संस्थान क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट लेते हैं, इसे हार्ड इंक्वारी कहा जाता है। अगर आपने कम समय में कई बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया है, तो आपके लिए की गई हार्ड इंक्वारी की संख्या बढ़ जाती है, ऐसे में भी आपका सिविल स्कोर खराब हो सकता है।

5. क्रेडिट एज

आपके सिबिल स्कोर को मेंटेन रखने में क्रेडिट ऐज भी काफी अहम होता है। यह आपके पहले क्रेडिट कार्ड या लोन की तारीख से गिना जाता है। आपकी क्रेडिट जितनी अधिक होगी, आपके स्कोर के लिए यह उतना ही बेहतर साबित होगा। 3 साल या उससे अधिक पुराने क्रेडिट खाते वाले व्यक्ति को बाजार में तुलनात्मक रूप से अधिक पसंद किया जाएगा।

सिबिल स्कोर सुधारने के उपाय

क्रेडिट यूटिलाइजेशन को कम रखें : अगर आप अपना क्रेडिट स्कोर मेंटेन रखना चाहते हैं, तो अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक लाभ न उठाएं।

क्रेडिट मिक्स को संतुलित रखें : क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाए रखने के लिए आपको सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का संतुलित उपयोग करना होगा।

लोन गारंटर बनने से पहले सोचें : अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाए रखने के लिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि आप जिसके लोन गारंटर बनने जा रहे हैं वह लोन चुकाने में सक्षम है अथवा नहीं।

लोन आवेदन की संख्या करें सीमित : अपने क्रेडिट स्कोर को मेंटेन बनाए रखने के लिए बार-बार लोन लेने के लिए अप्लाई ना करें।

क्रेडिट हिस्ट्री बनाए रखें : पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री को बंद करने के बजाय इसे सक्रिय रखें और इसका समय पर भुगतान करें जिससे आपका क्रेडिट स्कोर मेंटेन बना रहे।

अगर आप अपना सिबिल स्कोर बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो आपको इन पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए। आपके द्वारा लिए गए सही वित्तीय फैसला आपकी क्रेडिट प्रोफाइल को मेंटेन रखेंगे, जिससे भविष्य में लोन लेने में आपको सहायता भी मिलेगी।

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